Taliban Attack in Pakistan: इस्लामाबाद: पाकिस्तान की आर्मी पर बड़ा हमला हुआ है। इस हमले में लेफ्टिनेंट कर्नल, मेजर समेत 11 सैनिक मारे गए हैं। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के ओरकजई प्रांत में हुआ है। पाकिस्तान तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। पाकिस्तान सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने एक बयान में कहा कि यह अभियान 7-8 अक्टूबर की रात को “फितना अल-खवारिज” से जुड़े आतंकवादियों की कथित मौजूदगी पर, अफगानिस्तान की सीमा से लगे प्रांत के ओरकजई जिले में सुरक्षा बलों द्वारा चलाया गया था। इस दौरान प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के 19 आतंकवादी भी मारे गए हैं।
चलाया जा रहा है तलाशी अभियान
“फितना अल-खवारिज” शब्द प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकवादी समूह के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बयान में कहा गया है कि सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भीषण गोलीबारी हुई है। बयान में आगे कहा गया है कि इलाके में किसी भी अन्य आतंकवादी को खत्म करने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) की ओर से जारी नए आंकड़ों के अनुसार, 2025 की तीसरी तिमाही में खैबर पख्तूनख्वा देश का सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र था। हिंसा से जुड़ी कुल मौतों में से लगभग 71 प्रतिशत (638) यहीं हुईं और हिंसा की 67 प्रतिशत (221) से अधिक घटनाएं यहीं हुईं। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान अफगानिस्तान के साथ साझा करते हैं।
TTP के बारे में जानें
बता दें कि, टीटीपी की जड़ें अफगानिस्तान के तालिबान आंदोलन से जुड़ी हुई हैं, लेकिन यह संगठन स्वतंत्र रूप से पाकिस्तान में सक्रिय रहा है। इसकी स्थापना बैतुल्लाह महसूद ने की थी, जो दक्षिण वजीरिस्तान के प्रभावशाली नेता थे। संगठन कई छोटे-बड़े गुटों का गठजोड़ है। 2020 के बाद टीटीपी ने कई बिखरे हुए गुटों को फिर से एकजुट किया है। संगठन ने हमलों में तेजी आई है, खासकर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान जैसे क्षेत्रों TTP सक्रिय है।