Mahakumbh 2025 : दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन संपन्न, 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

Mahakumbh 2025 : दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन संपन्न, 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

प्रयागराज। महाशिवरात्रि के स्नान के साथ ही 45 दिनों तक चले महाकुंभ का समापन हो गया है। 13 जनवरी को शाही स्नान से शुरू हुए आस्था के इस संगम में 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। यह मेला दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन बन गया। इस बार का महाकुंभ कई मायनों में खास था। 144 साल बाद बने अद्भुत संयोग में पवित्र डुबकी लगाने के लिए क्या अमीर क्या गरीब सब उत्साहित थे।

संतोष भाव से संगम स्नान
डेढ़ महीने तक प्रयागराज जाम रहा। मेला तक पहुंचने के लिए लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन संगम में डुबकी लगाते ही सबको ऐसा लग रहा था कि सबसे कीमती चीज पा ली हो। अलग ही संतोष भाव उभर कर सामने आ रहा था। आलम ये रहा कि देश की आधी आबादी ने इसमें स्नान कर लिया। इतने बड़े आयोजन में कई रिकॉर्ड बने तो वहीं कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। भगदड़ में श्रद्धालुओं की मौत पर सियासत भी हुई तो गंगा की शुद्धता पर सवाल भी उठे। इन सबके बावजूद 66 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई।

योगी का अनुमान भी रहा फेल
इस महाकुंभ में अमेरिका की आबादी से दोगुने लोग पहुंचे। भारत और चीन की जनसंख्या के बाद सबसे ज्यादा आबादी प्रयागराज की बन गई। योगी सरकार ने अनुमान लगाया था कि 45 करोड़ लोग पहुंचेंगे लेकिन सारे अनुमान फेल हो गए। हर रोज तकरीबन डेढ़ करोड़ लोगों ने स्नान किया। 30 करोड़ लोग ट्रेन से पहुंचे। 300 किमी तक का दुनिया का सबसे लंबा जाम भी लगा जो लगभग 72 घंटे तक लगा रहा। 73 देशों के डेलीगेट्स और 50 लाख विदेशी नागरिक पहुंचे। सभी सनातन की रंग में रंगे दिखें।

बना था दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम
महाकुंभ का मेला क्षेत्र 4 हजार हेक्टेयर में बनाया गया था। यह दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम से 160 गुना बढ़ा था। यहां पर 25 सेक्टर बनाए गए थे। 13 किलोमीटर के अंदर 42 घाट बनाए गए। इसमें से 10 घाट पक्के थे। गंगा यमुना को पार करने के लिए 30 पांटून पुल बनाए गए। 56 थाने की तैनाती की गई। 144 चौकियां बनाई गई। 2 साइबर थाने बने थे। 50 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी दिन रात डटे रहे।


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