सतना। जबलपुर हाईकोर्ट ने सतना कोतवाली थाना प्रभारी रावेंद्र द्विवेदी को एक अनोखी सजा सुनाई है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि टीआई द्विवेदी को चित्रकूट क्षेत्र में एक साल की अवधि में कुल 1000 फलदार पौधे लगाने होंगे और उनकी देखरेख भी करनी होगी। यह सजा उन्हें एक न्यायिक आदेश की तामीली न कराने के कारण दी गई है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच, जिसमें न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति अवनींद्र कुमार सिंह शामिल हैं, ने यह आदेश गुरुवार को सुनाया। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पौधरोपण कार्य 1 जुलाई 2025 से 31 अगस्त 2026 के बीच पूरा किया जाना चाहिए।
टीआई को पौधों के फोटो और उनकी जीपीएस लोकेशन की जानकारी कोर्ट में पेश करनी होगी। इस मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को निर्धारित है। उससे पहले सतना पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया है कि वे पौधों का निरीक्षण कर रिपोर्ट कोर्ट में जमा करें।
नोटिस तामीली में चूक बनी वजह
यह मामला एक नाबालिग से दुराचार के प्रकरण से जुड़ा है। सतना की जिला अदालत ने 10 अक्टूबर 2021 को रामअवतार चौधरी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2024 को पीडि़ता को नोटिस भेजा, जिसे सतना कोतवाली पुलिस के माध्यम से तामील कराना था। लेकिन पुलिस की ओर से यह प्रक्रिया समय पर नहीं की गई, जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया।
टीआई ने सजा को बताया सौभाग्य
इस आदेश के बाद टीआई रावेंद्र द्विवेदी ने प्रतिक्रिया दी और कहा, हाईकोर्ट का जो भी आदेश है उसका पालन करूंगा। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं। फलदार पौधे लगाना पुण्य का कार्य है, जिसे मैं पूरे मन से निभाऊंगा।