ईरान में फंसा कांकेर का मयंक: इजराइल-ईरान युद्ध के बीच मर्चेंट नेवी कर्मी के परिजनों ने लगाई प्रशासन से गुहार

ईरान में फंसा कांकेर का मयंक: इजराइल-ईरान युद्ध के बीच मर्चेंट नेवी कर्मी के परिजनों ने लगाई प्रशासन से गुहार

कांकेर। जिले के भानुप्रतापपुर ब्लॉक के कन्हारगांव निवासी मयंक साहू पिछले छह महीनों से ईरान में फंसे हुए हैं। मयंक मर्चेंट नेवी में कार्यरत हैं और ईरान-इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के कारण मुश्किल परिस्थितियों में हैं। उनके परिवार ने भारत सरकार और जिला प्रशासन से उनकी सुरक्षित वापसी के लिए मदद की अपील की है।

मयंक का ईरान में सफर

मयंक साहू ने चेन्नई से मर्चेंट नेवी का कोर्स पूरा करने के बाद ईरान की एक मर्चेंट नेवी कंपनी, एएन शिपिंग सर्विसेज रैपिड ओशन 11 लिमिटेड, के साथ नौ महीने के अनुबंध पर काम शुरू किया था। वे जहाज प्रधान सेनोरिटा पर भर्ती हुए थे। लेकिन ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते संघर्ष ने उनकी वापसी को जटिल बना दिया है। मयंक ने फोन पर बताया कि वे वर्तमान में ईरान-इराक सीमा के पास हैं, जहां रात में अंधेरा और तनावपूर्ण माहौल रहता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन उनकी वापसी के लिए कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।

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परिवार ने की अपील

मयंक के पिता गंगदेव साहू ने अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मदद मांगी है। परिवार ने जिला प्रशासन को भी इस मामले से अवगत कराया है। मयंक इंटरनेशनल कॉल के जरिए अपने परिवार से संपर्क में हैं और उन्होंने बताया कि उनके साथ करीब 60 अन्य लोग भी उसी क्षेत्र में फंसे हुए हैं। परिवार ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

त्वरित कार्रवाई का आश्वासन

मयंक की कंपनी, एएन शिपिंग सर्विसेज ने उनकी वापसी के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। कंपनी के क्रू मैनेजर ने नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को पत्र लिखकर मयंक की वापसी के लिए सभी खर्च वहन करने की प्रतिबद्धता जताई है। भानुप्रतापपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) संदीप पटेल ने कहा कि प्रशासन को इस मामले की जानकारी है और मयंक को जल्द से जल्द भारत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। एसडीएम ने भी इस मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

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भारत सरकार की निकासी प्रयास

भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान और इजराइल से 2,200 से अधिक भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला है। 24 जून 2025 को 292 भारतीयों को मशहद से विशेष उड़ान के जरिए नई दिल्ली लाया गया। इसके बावजूद, मयंक जैसे कुछ लोग अभी भी ईरान में फंसे हैं। सरकार ने अगले दो-तीन दिनों में तीन और निकासी उड़ानों की योजना बनाई है, जिससे उम्मीद है कि मयंक और अन्य फंसे हुए लोगों को जल्द वापस लाया जा सके।

दो-तीन दिनों में वापसी का आश्वासन

मयंक ने बताया कि उनकी कंपनी ने दो-तीन दिनों में वापसी का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई पुष्टि नहीं मिली है। वे जिस क्षेत्र में हैं, वहां रात में अंधेरा और तनाव का माहौल रहता है। मयंक के साथ फंसे अन्य लोगों में संभवतः भारतीय और अन्य देशों के नागरिक भी शामिल हैं। ईरान ने हाल ही में भारतीय निकासी उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को खोला है, जिससे निकासी प्रक्रिया में तेजी आई है।


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