Japan Female Prime Minister: जापान की संसद ने मंगलवार को अति-रूढ़िवादी साने ताकाइची को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री चुना है। ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ की प्रमुख 64 वर्षीय ताकाइची प्रधानमंत्री के रूप में शिगेरु इशिबा की जगह लेंगी, जिन्हें 2 बार चुनावी हार के बाद मजबूरन इस्तीफा देना पड़ा था। इससे पहले जापान में सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) ने ‘#चेंजएलडीपी’ नारे के तहत साने ताकाइची को अपना नया नेता चुना था। जापान के लिए यह ऐतिहासिक घटना है। साने ना सिर्फ एलडीपी की नेता चुनी जाने वाली पहली महिला हैं, बल्कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के काल की उन चुनिंदा नेताओं में भी शामिल हैं, जिन्होंने कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि ना होने के बावजूद सियासी जगत में ऊंचा मुकाम हासिल किया है।
पीएम मोदी ने दी बधाई
जापान की प्रधानमंत्री बनने पर साने ताकाइची को पीएम मोदी ने बधाई दी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर कहा, ” साने ताकाइची, जापान के प्रधानमंत्री चुने जाने पर हार्दिक बधाई। मैं भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूं। हमारे गहरे होते संबंध हिंद-प्रशांत और उसके बाहर शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।”
Heartiest congratulations, Sanae Takaichi, on your election as the Prime Minister of Japan. I look forward to working closely with you to further strengthen the India–Japan Special Strategic and Global Partnership. Our deepening ties are vital for peace, stability, and prosperity…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 21, 2025
QUAD की हिमायती हैं साने
विदेश नीति के मामले में साने पूर्व प्रधानमंत्री आबे के “स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र” के दृष्टिकोण का समर्थन करती हैं। वह अमेरिका और चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) से गहन सहयोग की हिमायती हैं। क्वाड ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के बीच एक कूटनीतिक साझेदारी है, जो एक स्थिर, शांतिपूर्ण, समृद्ध, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। साने क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए क्षेत्रीय साझेदारों के बीच मजबूत संबंधों की भी वकालत करती हैं। चीन और उत्तर कोरिया के खिलाफ उनका आक्रामक रुख इसी एजेंडे की पुष्टि करता है। उन्होंने रक्षा खर्च बढ़ाने का संकल्प लिया है। मौजूदा समय में जापान का रक्षा बजट उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 1.8 प्रतिशत है।
ताकाइची के सामने किस तरह की होंगी चुनौतियां
ताकाइची की चुनौतियों में जापान की घटती जनसंख्या को रोकना और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा लाना शामिल है। संसद के दोनों सदनों में अल्पमत में होने के कारण, नए गठबंधन को कानून पारित करने के लिए अन्य दलों के समर्थन की आवश्यकता होगी। ताकाइची पहले आक्रामक मौद्रिक नीतियों और सरकारी खर्च में विस्तार की समर्थक रही हैं, जो उनके गुरु, पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की ‘आबेनॉमिक्स’ नीति से मेल खाती है।
साने ताकाइची के बारे में जानें
ताकाइची एक हेवी-मेटल ड्रमर और एक बाइकर भी रही हैं। साल 1993 में अपने गृहनगर नारा से पहली बार चुने जाने के बाद से, ताकाइची ने आर्थिक सुरक्षा, आंतरिक मामलों और लैंगिक समानता सहित कई प्रमुख पदों पर कार्य किया है। उन्होंने मार्गरेट थैचर को एक राजनीतिक आदर्श बताया है। ताकाइची को बड़े स्तर पर विदेशी मामलों में कट्टर माना जाता है।