IPL 2026 Auction : इस बार आईपीएल नीलामी में क्यों किसी विदेशी खिलाड़ी को 18 करोड़ से ज्यादा नहीं मिल सकता? जानिए

IPL 2026 Auction : इस बार आईपीएल नीलामी में क्यों किसी विदेशी खिलाड़ी को 18 करोड़ से ज्यादा नहीं मिल सकता? जानिए

इंडियन प्रीमियर लीग 2026 के लिए 16 दिसंबर को आबू धाबी में मिनी नीलामी होने जा रही है। इसमें 1355 क्रिकेटर हिस्सा लेंगे। सबसे ज्यादा 2 करोड़ रुपये बेस प्राइस वाली लिस्ट में कुल 45 खिलाड़ी हैं जिनमें सिर्फ दो भारतीय हैं। नीलामी में ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर कैमरन ग्रीन पर खूब पैसे बरसने की उम्मीद है। 2023 में उन्हें मुंबई इंडियंस ने 17.5 करोड़ रुपये में खरीदा था। इस बार उन्हें किसी भी कीमत पर 18 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम नहीं मिल सकती। उन्हें ही क्यों, किसी भी विदेशी खिलाड़ी को 18 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं मिल सकते। बोली भले ही इससे ज्यादा की लग जाए, लेकिन विदेशी खिलाड़ी इससे ज्यादा नहीं पा सकता।

आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी

आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ियों की बात करें तो मिचेल स्टार्क का नाम सबसे ऊपर है। 2023 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें 24.75 करोड़ रुपये में खरीदा था। उसी नीलामी में सनराइजर्स हैदराबाद ने पैट कमिंस को 20.5 करोड़ रुपये में खरीदा था। सैम करन भी एक बार 18.5 करोड़ रुपये में बिक चुके हैं। ये तीनों आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं।

इस बार किसी विदेशी को अधिकतम 18 करोड़ ही मिलेंगे

कैमरन ग्रीन या किसी भी विदेशी खिलाड़ी के लिए इस बार भले ही चाहे जितनी बोली लग जाए। भले ही आईपीएल में सबसे ज्यादा महंगे विदेशी खिलाड़ी का रिकॉर्ड टूट जाए, लेकिन उसे 18 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं मिल सकता। ऐसा है आईपीएल के नए नियमों की वजह से।

ईएसपीएनक्रिकइन्फो की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल लाए गए आईपीएल के नए मैक्सिमम फी नियम के मुताबिक मिनी ऑक्शन में किसी भी ओवरसीज यानी विदेशी खिलाड़ी को रीटेन किए गए खिलाड़ियों के हाईएस्ट स्लैब से ज्यादा नहीं मिल सकता। हाईएस्ट रिटेंशन प्राइस चूंकि 18 करोड़ रुपये है तो किसी विदेशी खिलाड़ी को इससे ज्यादा नहीं मिल सकता।

अगर 18 करोड़ रुपये से ज्यादा बोली लगी तब?

विदेशी खिलाड़ियों के लिए हाईएस्ट बोली लगाने पर कोई सीमा नहीं लगी है। फ्रेंचाइजियों में अगर किसी ओवरसीज प्लेयर को खरीदने के लिए होड़ लगी तो ऐसा नहीं है कि बोली 18 करोड़ रुपये से ऊपर नहीं जा सकती। फ्रेंचाइजी 18 करोड़ से ज्यादा में भी खरीद सकती हैं लेकिन वैसी स्थिति में उस ओवरसीज खिलाड़ी को मिलेंगे 18 करोड़ रुपये ही। 18 करोड़ रुपये से अगर ज्यादा की बोली लगी तो उस बढ़ी हुई राशि को बीसीसीआई अपने आप रख लेगी और उसका इस्तेमाल खिलाड़ियों के कल्याण के लिए किया जाएगा।


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