नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बॉलीवुड की चुप्पी पर सवाल उठाना एक युवती को भारी पड़ गया। 22 वर्षीय इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली, जो पुणे की एक लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं, को कोलकाता पुलिस ने हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। उन पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है।
मामला क्या है?
शर्मिष्ठा पनोली ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बॉलीवुड सेलेब्स की चुप्पी पर सवाल उठाए थे। इस दौरान उन्होंने कथित तौर पर एक धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी, जिसके बाद यह वीडियो वायरल हो गया और विवाद खड़ा हो गया।
शिकायत, फरारी और गिरफ्तारी
वीडियो वायरल होते ही कोलकाता पुलिस में शिकायत दर्ज की गई। पुलिस के अनुसार, शर्मिष्ठा और उनके परिवार को नोटिस भेजा गया, लेकिन वे फरार हो गए। इसके बाद कोर्ट से अरेस्ट वारंट जारी किया गया और शुक्रवार को उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया गया।
Kolkata, West Bengal: Kolkata Police arrested a law student Sharmistha Panoli from Pune in Gurgaon for allegedly hurting religious sentiments through social media posts on Operation Sindoor. She was brought to Kolkata on transit remand and produced before the Alipore CJM Court.… pic.twitter.com/jxDpcVSzlJ
— IANS (@ians_india) May 31, 2025
धमकियां और माफी
शर्मिष्ठा ने बताया कि वीडियो पोस्ट करने के बाद से उन्हें रेप और मर्डर की धमकियां मिल रही हैं। विवाद बढ़ने पर उन्होंने वीडियो डिलीट कर दिया और सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी। माफी के बावजूद पुलिस कार्रवाई रुकी नहीं और अब उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता ले जाया जा रहा है, जहां आगे की पूछताछ की जाएगी।
कौन हैं शर्मिष्ठा पनोली
22 वर्षीय शर्मिष्ठा पनोली पुणे की रहने वाली हैं और वहां की एक लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं। सोशल मीडिया पर उनकी अच्छी खासी फॉलोइंग है और वे सामाजिक व राजनीतिक मुद्दों पर बेबाक राय रखने के लिए जानी जाती हैं।
हाल ही में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर बॉलीवुड की चुप्पी को लेकर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर एक धर्म विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके बाद उनके खिलाफ कोलकाता में शिकायत दर्ज हुई और उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता ले जाया गया।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। कई यूजर्स शर्मिष्ठा के समर्थन में उतरे और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला बताया, जबकि कुछ ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए उनकी आलोचना की। एक वर्ग इसे “सेलेक्टिव सेंसरशिप” कह रहा है, वहीं दूसरा वर्ग कानून के तहत की गई कार्रवाई को सही ठहरा रहा है।
यह मामला अब सिर्फ एक सोशल मीडिया पोस्ट तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अभिव्यक्ति की आज़ादी बनाम संवेदनशीलता की सीमा पर नई बहस का कारण बन गया है। कोलकाता पुलिस की पूछताछ के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला आगे क्या मोड़ लेता है।