यूपी के कानपुर देहात में प्रसव के बाद गिरने से हुई नवजात शिशु की मौत के मामले में स्टाफ नर्स को बर्खास्त कर दिया गया है। जबकि, डॉक्टर को निलंबित किया गया है। यह कार्रवाई तीन सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट पर की गई है। कानपुर देहात के मैथा ब्लॉक के प्रेमाधाम कला निवासी सुनील कुमार की पत्नी सरिता को प्रसव पीड़ा हुई। उन्हें बुधवार रात करीब 1.30 बजे स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध 100 शैय्या एमसीएच विंग में भर्ती कराया गया था। तड़के 3.30 बजे प्रसव हुआ। परिजनों ने आरोप लगाया कि प्रसव के बाद नवजात डिलीवरी टेबल से नीचे गिर गया। इससे उसके चेहरे पर चोट आई।
स्टाफ नर्स लेबर रूम से गायब हो गई थी
इसके बाद शिशु को एसएनसीयू (सिक न्यू बार्न केयर यूनिट) में भर्ती किया गया। इलाज के दौरान सुबह 10:30 बजे उसकी मौत हो गई। मामले की जानकारी होने पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए। तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने रिपोर्ट में आरोप सही पाया। जांच में पाया गया कि स्टाफ नर्स प्रियंका सचान लेबर रूम से गायब हो गई थी। इस पर उसे बर्खास्त कर दिया गया है।
वहीं अस्पताल में कार्यरत सीनियर रेजिडेंट डॉ. रश्मि पाल को निलंबित कर दिया गया है। महिला रेजिडेंट बॉन्ड के तहत यहां कार्यरत थीं। ऐसे में महाविद्यालय के प्रधानाचार्य ने चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक को पत्र लिखकर रेजिडेंट की सेवा समाप्त करने का पत्र लिखा है। अधीनस्थ स्टाफ पर नियंत्रण न रख पाने व लापरवाही पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से स्पष्टीकरण तलब किया है।
लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि इस तरह की घटना से विभाग व अस्पताल की छवि धूमिल हुई है। चिकित्सीय प्रोफेशन की गरिमा को भी ठेस पहुंची है। उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य एवं अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि विभागवार व्यवस्थाएं दुरुस्त करें। जो भी डॉक्टर अथवा कर्मचारी इस तरह के मामले में दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।