PM Awas Yojana: पिछली सरकार में बंद हो चुकी प्रधानमंत्री आवास योजना भाजपा की नई सरकार की प्राथमिकताओं में है। सीएम लगातार अलग-अलग मंचों पर इसे अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि के तौर पर गिना रहे हैं। ऐसे में प्रशासन पर भी दबाव है कि इस मामले में जितनी कम लापरवाही हो, उतना बेहतर। हालांकि, मैदानी अमला इसे लेकर उतना गंभीर नजर नहीं आता। जिले के कई गांवों में इसे लेकर भारी लापरवाही बरती जा रही है, जिसका खुलासा सोमवार को जिला पंचायत की बैठक में हुआ।
समीक्षा बैठक में सामने आई लापरवाही
कलेक्टर बीएस उइके जिमेदारों की बैठक लेने पहुंचे थे। समीक्षा में सामने आया कि 11 ग्राम पंचायतें पीएम आवास के मामले में बेहद लापरवाह हैं। दांतबाय कला, कोसमबुड़ा, गुजरा, खरता, हाथबाय, बरबाहरा, मौहाभांठा, बेगरपाला, लोहारी, मरदाकला और खरहरी में कमार परिवारों के लिए कुल 922 आवास मंजूर किए गए थे। इनमें से केवल 292 मकान ही बन पाए हैं। 627 का काम आज तक शुरू नहीं हो पाया है।
इस पर उइके काफी नाराज हुए। उन्होंने फौरन सभी 11 पंचायतों के सचिव को कारण बताओ जारी करने कहा है। कलेक्टर ने दो टूक कहा कि पीएम आवास के नाम पर अवैध लेन-देन, किस्त या जिओ टैगिंग के बदले पैसे लेने की शिकायत बर्दाश्त नहीं करेंगे। सत कार्रवाई होगी। बता दें कि पिछले कलेक्टर ने भी एक बार बैठक में कहा था कि चेहरा देखकर पीएम आवास देने का फैसला करने वालों की खैर नहीं।
जिले के पिछले और मौजूदा प्रशासनिक मुखियाओं की ऐसी चेतावनियों से योजना की जमीनी हकीकत का अंदाजा लगा सकते हैं। बैठक में जिला पंचायत सीईओ जीएस मरकाम, अपर कलेक्टर नवीन भगत मौजूद रहे।