एक तरफ खुशियां, दूसरी तरफ मातम: RCB की जीत को लगी किसकी नजर, जश्‍न के भगदड़ में गई 7 लोगों की जान…

एक तरफ खुशियां, दूसरी तरफ मातम: RCB की जीत को लगी किसकी नजर, जश्‍न के भगदड़ में गई 7 लोगों की जान…

RCB की 18 साल की तपस्या रंग लाई। टीम ने IPL 2025 की ट्रॉफी अपने नाम की और करोड़ों फैंस का सपना सच कर दिया। लेकिन इस ऐतिहासिक जीत के जश्न में एक ऐसा हादसा हुआ जिसने हर खुशी को आंसुओं में डुबो दिया।

चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मंगलवार की शाम जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। जश्न के उत्साह में उमड़ी भीड़ ने विकराल रूप ले लिया, और कुछ ही देर में माहौल खुशी से मातम में बदल गया।

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एक तरफ खुशियां, दूसरी तरफ मातम

जब RCB की टीम एयरपोर्ट से विधानसभा तक सम्मान समारोह के लिए निकली, हजारों फैन्स उनकी एक झलक पाने को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जमा हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां करीब 50,000 से अधिक लोग जुटे थे।

इसी दौरान भीड़ बेकाबू हो गई, और अफरा-तफरी के माहौल में भगदड़ मच गई। IANS की रिपोर्ट के अनुसार, इस हादसे में अब तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

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एक बच्चा भी हुआ बेहोश

इस दर्दनाक हादसे में एक छोटा बच्चा भी बेहोश हो गया, जिसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। चश्मदीदों के मुताबिक, भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा, जिससे हालात और बिगड़ गए।

RCB की जीत पर नाचते फैंस अचानक सन्नाटे में बदल गए, कई परिवारों के लिए यह रात कभी न भूलने वाली बन गई।

इतिहास बना, लेकिन कीमत बहुत बड़ी रही

RCB ने मंगलवार को पंजाब किंग्स (PBKS) को 6 रन से हराकर अपना पहला IPL खिताब जीता। यह जीत सिर्फ टीम ही नहीं, फैंस के लिए भी एक भावनात्मक पल था। लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह खुशी जिंदगियां लील जाएगी।

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सुरक्षा पर उठे सवाल

  • इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं –
  • क्या प्रशासन इतने बड़े आयोजन के लिए तैयार था?
  • क्या फैन मैनेजमेंट और सुरक्षा इंतजाम नाकाफी थे?
  • क्या RCB की जीत का जश्न बेहतर तरीके से आयोजित किया जा सकता था?

जश्न में दर्द… और सवाल

बेंगलुरु में जहां एक तरफ मुख्यमंत्री सिद्धारमैया टीम को सम्मानित कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ स्टेडियम के बाहर लोग अपनों को खो रहे थे। यह हादसा सिर्फ एक आयोजन में चूक नहीं, बल्कि उन हजारों सपनों का टूटना है जो एक जीत की खुशी में शामिल होने आए थे।

आज बेंगलुरु सिर्फ चैंपियन टीम की वजह से नहीं, उन मासूमों की वजह से भी याद किया जाएगा जिन्हें जश्न ने जिंदगी से छीन लिया।


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