रायपुर। छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पित नक्सलियों को नई शुरुआत करने के लिए राज्य सरकार बड़ी सौगात लेकर आई है। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों चाहें तो उनके घर भी नन्हें बच्चे की किलकारी गूंज सकती है।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने आज मीडिया से बातचीत में बताया कि नक्सल संगठनों ने कई लोगों से ना सिर्फ परिवार से दूर किया, बल्कि पिता बनने का भी सुख छीन लिया। उनकी नसबंदी कर दी लेकिन अब सरकार उन सभी नक्सलियों को टेस्ट ट्यूब बेबी की सुविधा उपलब्ध कराएगी। साय सरकार आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्य धारा में जोड़ने के साथ ही परिवार बढ़ाने में भी मदद करेगी।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि, हमारे प्रावधानों में है कि, जिन भी आत्मसमर्पित माओवादियों की नसबंदी कराई जाती है, वे मुख्य धारा में आने के बाद (सरेंडर करने के बाद) अगर माता-पिता बनना चाहते हैं, तो सरकार द्वारा टेस्ट ट्यूब बेबी की सुविधा भी दी जा रही है। पुनर्वास केंद्रों में नौजवान भी आ रहे हैं। उनके विवाह के भी चिंता सरकार कर रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग सामूहिक विवाह करवाएंगे, यह बेहद अलग और अद्भुत नजारा होगा।
बारिश के मौसम में भी एंटी नक्सल ऑपरेशन जारी रखने को लेकर उन्होंने बताया कि मानसून में जवानों को नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए जवानों को हैदराबाद में ट्रेनिंग दी जा रही है। जवानों के हौसले के सामने सभी चुनौतियां फीकी पड़ रही हैं।
गौरतलब है कि, 11 जुलाई को आठ महिलाओं समेत 22 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि, ये सभी अबूझमाड़ क्षेत्र में सक्रीय थे। इसके साथ ही कई IED हमलों में भी शामिल रहे हैं। बताया जा रहा है कि, सरेंडर करने वाले सभी नक्सली लंबे समय से संगठन में रहकर आईईडी प्लांट, पुलिस मूवमेंट ट्रेस, जनताना सरकार के विस्तार करने जैसे गतिविधियों में शामिल थे। बता दें कि इस वर्ष अब तक 110 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं। इन सभी पर कुल 37,50,000 रुपए का इनाम रखा गया था।