नई दिल्ली। सर्दियों की आहट के साथ राजधानी में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक रफ्तार से बढ़ने लगा है। शनिवार सुबह जारी एक्यूआई रिपोर्ट में दिल्ली के अधिकांश स्टेशनों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से 430 के बीच दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। एनसीआर के शहरों नोएडा और गाजियाबाद में स्थिति इससे भी बदतर रही और हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी को पार कर गई। बिगड़ते हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए अपने दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने का आदेश जारी कर दिया है। यह निर्णय GRAP स्टेज III के प्रावधानों के तहत लिया गया है।
सीएक्यूएम ने जताई चिंता, जारी किए कड़े निर्देश
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शनिवार को साफ किया कि दिल्ली-एनसीआर की हवा इस समय ‘गंभीर’ श्रेणी में है। आयोग का कहना है कि हालांकि स्थिति GRAP स्टेज IV जैसी है, लेकिन फिलहाल स्टेज III के तहत लागू कदमों पर अमल किया जाएगा। सीएक्यूएम ने राज्यों और दिल्ली सरकार से कहा है कि वे सरकारी, नगर निगम और निजी दफ्तरों में 50% कर्मचारियों की उपस्थिति तय करें और बाकी को घर से काम करने की अनुमति दें।
केंद्र सरकार को भी निर्णय की छूट
आयोग ने केंद्र सरकार को भी सलाह दी है कि वह अपने कार्यालयों में कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम देने पर आवश्यक निर्णय ले सकती है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि इस स्तर पर प्रदूषण संवेदनशील लोगों के लिए विशेष रूप से हानिकारक हो सकता है और अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचना आवश्यक है।
Read More : रायपुर साइंस कॉलेज चौपाटी हटाने कार्रवाई में बवाल, पूर्व MLA विकास उपाध्याय समेत कई कांग्रेसी गिरफ्तार
