Raipur Matrimonial Fraud: राजधानी रायपुर से एक बड़ा साइबर फ्रॉड गिरोह पकड़ा गया है, जो मैट्रिमोनियल साइट्स पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर शादी का झांसा देता था और लोगों से लाखों रुपये ठग रहा था। पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर इस हाई-टेक ठगी का पर्दाफाश किया है। इनका नेटवर्क रायपुर से देशभर में फैला हुआ था और अब तक 50 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी सामने आ चुकी है।
दो फर्जी ऑफिस खोलकर चला रहे थे फ्रॉड कंपनी
मुख्य आरोपी गज सिंह सुना (32) ओडिशा का रहने वाला है और उसने इस गिरोह की कमान संभाल रखी थी। उसके साथ भीखू सचदेव (गुजरात), साहिल कौशिक (बिलासपुर) और हर्षित शर्मा (रायपुर) भी शामिल थे। ये चारों पहले आगरा में एक साथ काम करते थे और एक साल पहले रायपुर आकर ठगी की स्कीम शुरू की।
गिरोह ने डंगनिया में किराए का मकान लेकर वहाँ दो कमरों से ‘जीवन जोड़ी’ और ‘रॉयल रिश्ता’ नाम की फर्जी मैट्रिमोनियल कंपनियां चला रहे थे। इसके साथ ही कटोरा तालाब इलाके में ‘ई-रिश्ता’ नाम से एक और फर्जी ऑफिस खोला गया था।
सोशल इंजीनियरिंग से फंसाते थे शिकार
गिरोह के सदस्य मैट्रिमोनियल साइट्स पर फर्जी प्रोफाइल बनाते, जिसमें सुंदर युवक-युवतियों की तस्वीरें लगाई जाती थीं। फिर उनसे चैटिंग शुरू कर, भावनात्मक रिश्ता बनाया जाता और शादी का झांसा देकर ठगी की जाती थी।
आरोपी गिफ्ट भेजने के नाम पर APK फाइल भेजते थे, जिससे पीड़ित के मोबाइल में सेंध लग जाती थी। इस तकनीक का इस्तेमाल कर वे बैंक खातों की जानकारी तक पहुंच जाते और पैसे उड़ा लेते।
Read More : गरियाबंद में 1-1 लाख के इनामी 3 नक्सलियों का सरेंडर, दो महिलाएं भी शामिल
पुलिस ने जब्त किए मोबाइल, सिम और बैंक किट
टीआई मनोज नायक के मुताबिक, आरोपियों के पास से 100 सिम कार्ड, 50 मोबाइल फोन, 10 कंप्यूटर सिस्टम, और 60 बैंक अकाउंट किट जब्त की गई हैं। इनके जरिए वे अलग-अलग नामों से खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर करते थे।
उन्होंने रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खुलवाए और उन्हें यह कहकर भरोसे में लिया कि ज्यादा ट्रांजैक्शन पर इनकम टैक्स का झंझट होगा, इसलिए उनके खातों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बैंक खातों की जांच से फूटा राज
गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब केंद्र सरकार की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने एचडीएफसी और साउथ इंडियन बैंक के चार संदिग्ध खातों की जांच शुरू की। खाताधारकों से पूछताछ में चारों आरोपियों की पहचान हुई, जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया। अब तक 495 बैंक खातों की जांच जारी है, जिनका उपयोग देशभर में ठगी के लिए किया गया था।
बैंकों में जमा रकम का ब्योरा
बैंक | खाते | जमा रकम |
---|---|---|
PNB, सिविल लाइन | 100 | ₹23.95 लाख |
PNB, देवेंद्र नगर | 16 | ₹1.74 लाख |
IDBI, सिविल लाइन | 94 | ₹15.64 लाख |
DCB बैंक | 17 | ₹3.64 लाख |
साउथ इंडियन बैंक | 17 | ₹6.42 लाख |
HDFC बैंक | 79 | ₹12 लाख |
यूको बैंक | 12 | ₹21.09 लाख |
इंडसइंड बैंक | 148 | ₹12 लाख |
एक्सपर्ट की चेतावनी: सावधान रहें ऑनलाइन फ्रॉड से
साइबर क्राइम एक्सपर्ट मुकेश चौधरी का कहना है कि आजकल सोशल इंजीनियरिंग के जरिए लोग ठगी के जाल में फंस जाते हैं। खासकर मैट्रिमोनियल साइट्स पर प्रोफाइल वेरिफिकेशन की कोई ठोस प्रक्रिया नहीं होती, इसलिए किसी भी अजनबी से जुड़ते समय अपनी प्राइवेसी का ध्यान रखें, कोई व्यक्तिगत जानकारी या पैसे शेयर न करें, और अनजान लिंक या फाइल को डाउनलोड करने से बचें।