ट्रंप के सीजफायर दावे को विदेश मंत्री जयशंकर ने नकारा, पाकिस्तान का झूठ ऐसे किया उजागर, राहुल गांधी पर भी बोला हमला

ट्रंप के सीजफायर दावे को विदेश मंत्री जयशंकर ने नकारा, पाकिस्तान का झूठ ऐसे किया उजागर, राहुल गांधी पर भी बोला हमला

नई दिल्लीः लोकसभा में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर चर्चा जारी है। विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की और एक के बाद एक कई सवाल दागे। कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों और सवालों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद हमने ठोस संदेश दिया। हमें पाकिस्तान को कड़ा जवाब देना था। 23 अप्रैल को हमने बैठक में सिंधु जल समझौता रोका। अटारी चेक पोस्ट को बंद किया गया था। पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा गया। पाकिस्तान के रक्षा प्रतिनिधि को पाकिस्तान के दूतावास से वापस भेजा गया। पहलगाम हमले के बाद हमने वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान के आतंकवाद के बारे में बताया। हम आतंकवाद को किसी प्रकार से स्वीकार नहीं करेंगे। विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की। परिषद ने कहा था कि आतंकी घटना को अंजाम देने वालों को उचित दंड दिया जाए। सुरक्षा परिषद की बात को अंतरराष्ट्रीय स्वीकार किया गया। ऑपरेशन सिंदूर के जरिये हमने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। जब 25 अप्रैल को सुरक्षा परिषद में पहलगाम हमले पर चर्चा चल रही थी तो टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली। इसके बाद टीआरएफ को आतंकी संगठन माना गया है।

हमने सटीक हमले किए- विदेश मंत्री

विदेश मंत्री ने कहा कि 25 अप्रैल के बाद मेरे और पीएम मोदी के बीच 27 बार बात हुई। हमने ऑपरेशन सिंदूर की रूपरेखा तैयार की। संयुक्त राष्ट्र में शामिल 193 देशों में से केवल तीन देशों ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया। ऑपरेशन सिंदूर के बाद रक्षा मंत्री ने कहा था कि हम अपने लोगों की रक्षा के लिए तत्पर हैं। हमने सटीक हमले किए। नौ स्थानों को निशाना बनाया। हमने आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। इसे यूएनएससी ने भी स्वीकार किया। बहावलपुर और मुरिदके को हमने निशाना बनाया। पाकिस्तान को हमने कड़ा संदेश दिया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कई देशों से मुझे फोन आए। वो जानना चाहते थे कि हम क्या कर रहे हैं? हमने सबको बताया कि हम आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। हमने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच हम मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेंगे।

‘कई देशों ने की पहलगाम हमले की निंदा’

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कई सदस्यों ने पूछा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमें क्या सहयोग मिला? मैं बताना चाहता हूं कि क्वाड ने एक सुर में भारत के आतंकवाद के खिलाफ रुख का समर्थन किया। पहलगाम हमले की निंदा की। चीन,रूस, ईरान, मिस्र ने भी पहलगाम हमले की निंदा की। मध्य एशिया ने भी सीमापार आतंकवाद की कड़ी निंदा की। रूस ने इसे निंदनीय हमला कहा था। वैश्विक समुदाय ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की है। उन्होंने कहा कि तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण, टीआरएफ को आतंकी संगठन माना गया, यह भारत की सफल विदेश नीति का परिणाम है। जर्मन के विदेश मंत्री ने मुझसे कहा था कि हम भारत के साथ हैं। मैं बताना चाहता हूं कि आज जहां एक तरफ ऑपरेशन सिंदूर की बात है तो पूरे विश्व ने देखा है कि भारत ने पूरी जिम्मेदारी से काम किया। नौ मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने पीएम मोदी को फोन करके आतंकी हमले की जानकारी दी थी तो पीएम मोदी ने कहा था कि हम इसका मुंह तोड़ जवाब देंगे। हमारे सैनिकों ने आतंकी हमलों का करारा जवाब दिया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 10 मई को हमें पता लगा कि पाकिस्तान सीजफायर के लिए तैयार है, तो हमने कहा कि ये निवेदन पाकिस्तान की ओर से किया जाएगा। इसे लेकर अमेरिका से कोई कॉल नहीं आई। पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 22 अप्रैल से 17 जून के बीच कोई बात नहीं हुई। विदेश मंत्री के बयान के बीच विपक्ष के हंगामे पर गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विदेश मंत्री पर नहीं पाकिस्तान पर भरोसा है। इसलिए वे उधर बैठे हैं। 20 साल तक वहीं बैठे रहेंगे। विदेश मंत्री ने कहा कि आज लोग कह रहे हैं कि देश 26/11 हमले के बाद से आतंकी हमलों से जूझ रहा है। सदन के उस बैठे लोगों से मैं कहूंगा कि मुंबई ट्रेन में विस्फोट हुआ था। इससे पहले तत्कालीन यूपीए सरकार ने पाकिस्तानी सरकार से बात की थी। जिन्होंने कभी कुछ नहीं किया, वे सवाल पूछ रहे हैं। यह शर्मनाक है।

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर साधा निशाना

विदेश मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने पूरी पढ़ाई में इतिहास नहीं पढ़ा है। मैं उनको बताना चाहूंगा कि पीओके 1950 में बनाया गया। चीन और पाकिस्तान ने 1966 में मिलकर सैन्य प्रशिक्षण शुरू हुआ। 1980 में जब राजीव गांधी चीन और पाकिस्तान गए थे तब चीन पाकिस्तान के बीच परमाणु समझौता चरम पर था। हमें चीन पाकिस्तान संबंध पर चेताया जा रहा है। जबकि यह 60 साल से चल रहा है।


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