पहला सावन सोमवार 2025: महादेव घाट पर उमड़े श्रद्धालु, शिव भक्ति में डूबा रायपुर

पहला सावन सोमवार 2025: महादेव घाट पर उमड़े श्रद्धालु, शिव भक्ति में डूबा रायपुर

रायपुर। सावन मास की शुरुआत शुक्रवार 11 जुलाई से हो गई है। राजधानी रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में भगवान भोलेनाथ के भक्तों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। तड़के सुबह से ही शहर के प्रमुख शिवालयों में पूजा-अर्चना करने भक्तों का सैलाब उमड़ा है। इसी कड़ी में इतवारी बाजार स्थित किले के बूढ़ेश्वर महादेव से लेकर शिव चौक के बटुकेश्वर महादेव मंदिर और नागेश्वर महादेव से लेकर टिकरापारा के शंकर मंदिर सहित अन्य शिवालयों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। बता दें कि, 11 जुलाई, शुक्रवार से शुरू हुआ सावन मास 9 अगस्त तक चलेगा। यह महीना भगवान शिव की भक्ति और हरियाली का प्रतीक है।

रायपुर में सावन की धूम

रायपुर के प्रसिद्ध हटकेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग का विशेष शृंगार किया गया। भक्तों ने जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के साथ भगवान शिव की आराधना की। शहर के अन्य शिव मंदिरों, जैसे टिकरापारा के शंकर मंदिर, रिसाईपारा के नागेश्वर मंदिर और मकई चौक के मकेश्वर मंदिर में भी भक्तों का तांता लगा रहा। शाम को कई मंदिरों में भजन-कीर्तन और विशेष पूजन का आयोजन होगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।

सावन के सोमवार और कांवड़ यात्रा

सावन मास में प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व है। इस दौरान शिवभक्त व्रत-उपवास रखते हैं और जलाभिषेक के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस साल सावन के पहले सोमवार को रायपुर और धमतरी में कांवड़ यात्रा का आयोजन हुआ। धमतरी के बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर से कांवड़ यात्रा शुरू होकर रुद्री के रुद्रेश्वर महादेव मंदिर तक गई। भक्तों ने महानदी का जल कांवड़ में भरकर विभिन्न शिव मंदिरों में जलाभिषेक किया। इस यात्रा में मां विंध्यवासिनी मंदिर में भी पूजा-अर्चना की गई।

धमतरी के प्रमुख शिव मंदिर

धमतरी के प्राचीन मंदिरों में इतवारी बाजार के बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर, शिव चौक के बटुकेश्वर महादेव, डाकबंगला वार्ड के पीपलेश्वर मंदिर, और हटकेशर के नागेश्वर महादेव मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों में सावन मास के दौरान भक्तों की भीड़ लगी रहती है। बूढ़ेश्वर महादेव मंदिर में पूरे सावन माह शिवमहापुराण का पाठ हो रहा है, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव को और गहरा बनाता है।

सावन में शिव पूजा का महत्व

पंडित के अनुसार, सावन मास भगवान शिव का विशेष महीना है। इस दौरान भक्त बेलपत्र, धतूरा, चना दाल, दूध, और दही से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि एक बेलपत्र चढ़ाने से एक करोड़ कन्यादान के समान पुण्य मिलता है। इसलिए भक्तों को पूजा में बेलपत्र अवश्य शामिल करना चाहिए।

पंडित जी आगे बताते हैं कि सावन में शिव पूजा का विशेष महत्व है। खासकर युवतियां इस माह में व्रत रखकर मनोवांछित वर की कामना करती हैं। भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को मनचाहा फल प्रदान करते हैं।

सावन मास में मंदिरों में भजन-कीर्तन और शिवमहापुराण के पाठ का आयोजन होता है। यह महीना भक्ति और आध्यात्मिकता का अनुपम संगम है। भक्त अपने-अपने तरीके से भगवान शिव को प्रसन्न करने में जुटे रहते हैं। रायपुर और धमतरी के मंदिरों में सावन के दौरान श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है।


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