CG Governor Letter Forgery Case: छत्तीसगढ़ पुलिस ने राजभवन रायपुर में फर्जीवाड़ा करने वाले महामंडलेश्वर अजय रामदास को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने उसे मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से दबोचा, जहां वह साधु के वेश में रहकर खुद को धार्मिक गुरु बताकर लोगों को गुमराह कर रहा था।
वर्ष 2019 में राज्यपाल के लेटर पैड का किया था दुरुपयोग
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, साल 2019 में तत्कालीन राज्यपाल अनुसुइया उइके के लेटर पैड की चोरी कर अजय रामदास ने कई फर्जी पत्र और नोटिस जारी किए थे।
उसने इन दस्तावेजों पर राज्यपाल के फर्जी हस्ताक्षर तक बना दिए थे और कई प्रशासनिक अधिकारियों को गलत आदेश भी भेजे थे। इस जालसाजी से राजभवन की प्रतिष्ठा को गहरी क्षति पहुंची थी।
FIR दर्ज होते ही हुआ था फरार
राजभवन के सचिव ने तत्काल ही सिविल लाइन थाना रायपुर में धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में मामला दर्ज कराया था।
तभी से अजय रामदास फरार चल रहा था। पुलिस को लंबे समय तक उसकी कोई लोकेशन नहीं मिल पा रही थी।
छिंदवाड़ा में साधु बनकर रह रहा था
सूत्रों के अनुसार, अजय रामदास ने खुद को महामंडलेश्वर घोषित कर रखा था और साधु बनकर देशभर में घूमता रहा। छिंदवाड़ा में उसने नाम बदलकर लोगों को धार्मिक प्रवचन देने की आड़ में धोखा देना शुरू किया था। वह वहां धार्मिक आयोजनों में भाग भी ले रहा था।
गुप्त सूचना पर हुई गिरफ्तारी
छत्तीसगढ़ पुलिस को हाल ही में गुप्त सूचना मिली कि अजय रामदास छिंदवाड़ा में रह रहा है। इसके बाद पुलिस की एक विशेष टीम ने वहां पहुंचकर दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे रायपुर लाकर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे रिमांड पर भेजा गया है।
मध्यप्रदेश में भी हैं केस
पुलिस की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि अजय रामदास पर मध्यप्रदेश के कई थानों में भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। अब छत्तीसगढ़ पुलिस उससे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता चल सके कि उसके साथ और कौन-कौन लोग इस फर्जीवाड़े में शामिल थे।