रायगढ़ः गरीब परिवारों के लिए योजनाएं संचालित कर सरकारें मुफ्त राशन उपलब्ध कराती है, लेकिन कई ऐसे लोग हैं जो अपात्र होने के बाद भी इन योजनाओं का लाभ उठाते हैं। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में इस तरह का खेल जारी है। अपात्रों का राशन कार्ड बनाने में संदिग्ध राशन कार्डों के मामले में रायगढ़ जिला टॉप 4 जिलों में शामिल है। इसके अलावा आसपास के तीन और जिले भी सुर्खियों में हैं। जानकर हैरत होगी कि रायगढ़ के अलावा जांजगीर चांपा सक्ति और सारंगढ़ बिलाईगढ जिले में भी बड़े पैमाने पर राशन कार्ड बनाए गए हैं। केंद्र सरकार के द्वारा फिल्ट्रेशन के बाद जारी किए गए आंकड़ों से ये मामला उजागर हुआ है। मामला सामने आने के बाद अब भाजपा-कांग्रेस जहां एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं तो वहीं अधिकारी मामले में जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
दरअसल, चुनावी साल में मतदाताओं को लुभाने के लिए रायगढ़ स्थित पूरे प्रदेश में जमकर राशन कार्डों का निर्माण किया गया। सिर्फ रायगढ़ जिले में ही राशन कार्डों की संख्या 3 लाख 36 हजार 341 पहुंच चुकी है। खास बात यह है कि इसमें से 50 फ़ीसदी कार्ड अंत्योदय यानि की प्राथमिकता सूची के हैं। केंद्र सरकार को इन्हीं आंकड़ों पर संदेह हुआ, जिसके बाद राशन कार्डों का फिल्ट्रेशन किया गया। जांच में रायगढ़ जिले से जहां 1 लाख 61 हजार सदस्य संदिग्ध पाए गए तो वहीं पड़ोस के जिलों में भी आंकड़े कम आश्चर्यजनक नहीं हैं। केंद्र से मिले आंकड़ों के मुताबिक सक्ती जिले में सर्वाधिक 3 लाख 4850, जांजगीर-चांपा में 2 लाख 40381, सारंगढ़ जिले में 1 लाख 66987, और रायपुर में 1 लाख 64 हजार 163 सदस्य संदिग्ध पाए गए हैं। यानी की सक्ती, जांजगीर, रायगढ़, और सारंगढ़ जिले ने गड़बड़ियों के मामले में राजधानी रायपुर को भी पीछे छोड़ दिया है।
ट्राइबल ब्लॉकों में सबसे ज्यादा संदिग्ध राशन कार्ड
अगर रायगढ़ जिले पर नजर डालें तो जिले में ट्राइबल ब्लॉकों में सबसे ज्यादा संदिग्ध राशन कार्ड पाए गए हैं। जिले के खरसिया ब्लॉक में 36005, पुसौर ब्लाक में 25777, धरमजयगढ़ में 24430 और ले लूंगा मैं लगभग 14000 सदस्य संदिग्ध पाए गए हैं। आंकड़े सामने आने के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस इसके लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहरा रही है तो वहीं भाजपा का कहना है कि सारा किया धरा कांग्रेस कार्यकाल का है। पूर्व कार्यकाल में जिस तरह से घपले घोटाले हुए संदिग्ध राशन कार्ड भी उसी की एक देन है। अगर मामले की जांच की जाती है तो बड़ी गड़बड़ियां उजागर होंगी।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
इधर मामले में अधिकारी जांच जारी होने की बात कह रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि केंद्र से मिले निर्देश के आधार पर मामले की जांच की जा रही है। क्योंकि आरआई, पटवारी अभी गिरदावरी में व्यस्त हैं, लिहाजा जांच में देरी हो रही है। खाद विभाग के द्वारा राशन कार्डों की जांच के बाद उनका सत्यापन किया जा रहा है। अगर कार्ड गलत पाए जाते हैं तो उन्हें सरेंडर किया जाएगा ।