“हर बार भीख का कटोरा लेकर चीन-सऊदी अरब के पास जाते हैं हम”….पाकिस्तान पीएम का बड़ा कबूलनामा, देखें VIDEO

“हर बार भीख का कटोरा लेकर चीन-सऊदी अरब के पास जाते हैं हम”….पाकिस्तान पीएम का बड़ा कबूलनामा, देखें VIDEO

भारत पाकिस्तान तनाव : सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक मंच से यह स्वीकार करते नज़र आ रहे हैं कि अब चीन, सऊदी अरब, तुर्की, क़तर और यूएई जैसे देशों को भी यह पसंद नहीं कि पाकिस्तान हमेशा आर्थिक मदद की गुहार लगाता रहे। पीएम शहबाज शरीफ के इस बयान को कई लोग कड़वी सच्चाई बता रहे हैं, जो पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक हालत को बयां कर रहा है।

वीडियो में पीएम शहबाज कहते हैं, “अब हमारे भरोसेमंद दोस्त भी बार-बार मदद देने से कतराने लगे हैं। वे हमें कहते हैं कि हम क्यों बार-बार मदद मांगते हैं, हमें अपनी हालत खुद सुधारनी चाहिए।” यह बयान पाकिस्तान की वित्तीय व्यवस्था की गंभीर स्थिति को उजागर करता है साथ ही इससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी छवि पर भी असर पड़ सकता है।

मदद की गुहार लगाते-लगाते थक गया पाकिस्तान

पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है और अब उसकी आर्थिक बदहाली भी पूरी दुनिया के सामने आ रही है। जब देश के प्रधानमंत्री खुद मंच से यह स्वीकार करते हैं कि अब पुराने मित्र देश भी उसकी आर्थिक कंगाली से तंग आ चुके हैं, तो यह किसी डूबते जहाज की कहानी से कम नहीं है। आतंकवाद के एजेंडे को पालने वाले पाकिस्तान ने विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अपने बुनियादी क्षेत्रों को नजरअंदाज कर दिया है। नतीजा यह है कि आज वह दुनिया के सामने न तो सम्मान बचा पाया है और न ही भरोसा।

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक रिश्तों में बढ़ा तनाव

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान ने 8 से 10 मई के बीच भारतीय सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की कोशिश की, लेकिन भारत की कड़ी प्रतिक्रिया में पाकिस्तान के कई ठिकानों को मिसाइल हमलों से तबाह कर दिया गया।

इतना कुछ होने के बावजूद पाकिस्तान अभी भी आतंकवाद का खुलकर समर्थन कर रहा है। अपने नागरिकों के कल्याण और विकास के लिए काम करने के बजाय वह आतंकी शिविरों को पोषित करना जारी रखे हुए है। यह न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है बल्कि वैश्विक स्तर पर भी गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है।


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