Chhattisgarh Electricity Price Hike : रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग (सीएसईआरसी) ने हाल ही में सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में औसतन 1.89 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी है। यह नई दरें 1 जुलाई 2025 से लागू हो चुकी हैं। यह निर्णय राज्य के लगभग 60 लाख उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगा, हालांकि कुछ श्रेणियों जैसे कृषि उपभोक्ताओं और ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों के लिए विशेष छूट और रियायतें बरकरार रखी गई हैं। इस लेख में हम नई बिजली दरों, छूट के प्रावधानों और इससे संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से समझेंगे।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए नई बिजली दरें
नई बिजली दरों में मामूली वृद्धि की गई है, जो निम्नलिखित हैं:
0 से 100 यूनिट: प्रति यूनिट ₹4.10
101 से 200 यूनिट: प्रति यूनिट ₹4.20
201 से 400 यूनिट: प्रति यूनिट ₹5.60
401 से 600 यूनिट: प्रति यूनिट ₹6.50
601 यूनिट से अधिक: प्रति यूनिट ₹8.30
पुरानी दरें इस प्रकार थीं:
0 से 100 यूनिट: ₹3.90 प्रति यूनिट
101 से 200 यूनिट: ₹4.10 प्रति यूनिट
201 से 400 यूनिट: ₹5.50 प्रति यूनिट
401 से 600 यूनिट: ₹6.50 प्रति यूनिट
601 यूनिट से अधिक: ₹8.10 प्रति यूनिट
इस प्रकार, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 0.10 रुपये से 0.20 रुपये प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि निम्न मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए 10 पैसे प्रति यूनिट और अन्य घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 20 पैसे प्रति यूनिट है।
विशेष छूट और रियायतें
छत्तीसगढ़ सरकार ने कुछ विशेष क्षेत्रों और श्रेणियों के लिए रियायतें प्रदान की हैं, ताकि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। ये रियायतें निम्नलिखित हैं:
मोबाइल टावरों के लिए छूट: वाम चरमपंथ प्रभावित जिलों में संचार व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मोबाइल टावरों के ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट दी गई है। यह कदम ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में संचार सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।
कृषि उपभोक्ताओं के लिए राहत: कृषि पंपों के लिए बिजली दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है, लेकिन यह भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इससे किसानों पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए छूट: बस्तर, दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, सरगुजा, और उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पतालों, नर्सिंग होम, और जांच केंद्रों के लिए ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है।
महिला सशक्तिकरण: पंजीकृत महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित उद्योगों और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट बरकरार रखी गई है।
पोहा और मुरमुरा उद्योग: इन उद्योगों के लिए ऊर्जा प्रभार में दी जाने वाली 5 प्रतिशत छूट को बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है।
प्रिंटिंग प्रेस और ऑफसेट प्रिंटर्स: इन उपभोक्ताओं को गैर-घरेलू श्रेणी से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में शामिल किया गया है, जिससे उनकी बिजली दरें पहले की तुलना में कम हो गई हैं।
अग्रिम भुगतान पर छूट: सभी उपभोक्ताओं के लिए अग्रिम भुगतान पर दी जाने वाली 0.50 प्रतिशत छूट को बढ़ाकर 1.25 प्रतिशत कर दिया गया है।
बिजली उत्पादन और वितरण की लागत
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी के प्रबंध निदेशक भीम सिंह कंवर के अनुसार, बिजली की उत्पादन और वितरण लागत 7.02 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम 4.10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली आपूर्ति की जाती है। यह अंतर सरकार द्वारा वहन किया जाता है ताकि उपभोक्ताओं पर बोझ कम हो।
प्रभावित होने वाले उपभोक्ता
यह बिजली दर वृद्धि राज्य के लगभग 60 लाख उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगी। हालांकि, कृषि उपभोक्ताओं, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं, और अन्य विशेष श्रेणियों पर इसका कोई अतिरिक्त प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि सरकार ने इनके लिए विशेष रियायतें प्रदान की हैं। गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।