Earthquake in Bihar: दिल्ली के बाद अब कांपी यहां की धरती, रिक्टर स्केल पर 4 रही तीव्रता

Earthquake in Bihar: दिल्ली के बाद अब कांपी यहां की धरती, रिक्टर स्केल पर 4 रही तीव्रता

सुबह-सुबह से ही देश के कई इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया। इससे दिल्ली-एनसीआर में हड़कंप मच गया। इसके बाद सुबह 08.02 बजे बिहार के सीवान में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए।

सीवान में जैसे ही धरती डोली, लोग घरों के बाहर निकलने लगे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.0 बताई जा रही है। इसका केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था। यह 25.93 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 84.42 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।इससे पहले 7 जनवरी को बिहार के 9 जिलों में एक ही दिन में तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर पहली बार इसकी तीव्रता 7.1 थी। दूसरी बार 3.5 रही और तीसरी बार 3.1 आंकी गई थी। पटना, जहानाबाद, मोतिहारी, गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल और किशनंगज में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

भूकंप आने पर क्या करें?

आपदा वैसे तो संभलने का मौका नहीं देती लेकिन थोड़ा चौकन्ना रहकर आप जिंदगी बचाने की कोशिश जरूर कर सकते हैं। जानिए भूकंप जैसी स्थिति से निपटने के लिए आप कैसे तैयार रह सकते हैं।

1 – भूकंप के झटके जैसे ही महसूस हों तुरंत बिना देर किए घर, ऑफिस से निकल खुली जगह पर निकल जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें।

2 – बाहर जाने के लिए लिफ्ट का इस्तेमाल कतई न करें। सीढ़ियों से ही नीचे पहुंचने की कोशिश करें।

3 – अगर आप किसी ऐसी जगह हैं जहां बाहर जाने का कोई फायदा नहीं है तो सही यह होगा कि अपने आस-पास ही ऐसी जगह खोजें जिसके नीचे छिप कर खुद को बचाया जा सके। ध्यान रखें भूकंप के समय भागे नहीं इससे नुकसान की संभावना ज्यादा होगी।

4 – भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर रहें ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।

5 – टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके लेग्स कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।

6 – कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।

7 – खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चोट लग सकती है।

8 – गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंभों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले मैदान में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।


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