छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते शिवनाथ नदी उफान पर है। भारी बारिश के कारण जिले के प्रमुख जलाशयों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालात की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस, जल संसाधन विभाग और एसडीआरएफ पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं।
पिछले तीन दिनों में जिले में औसतन 29.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इससे जलाशयों से 60,500 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, जिसके चलते शिवनाथ नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
जलाशयों से छोड़ा गया पानी
जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता आशुतोष सारस्वत ने बताया कि मोगरा जलाशय से 20,000 क्यूसेक, घुमरिया नाला बैराज से 4,800 क्यूसेक, सूखा नाला से 2,600 क्यूसेक, खादूटोला से 600 क्यूसेककुल मिलाकर 27,400 क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा गया है। इसलिए नदी में जल स्तर बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है ।
एनीकट में बढ़ा जलस्तर
दुर्ग का महमरा एनीकट भी पानी से लबालब हो गया है, और जलस्तर में और वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर दी गई है ताकि लोग नदी पार न करें। इसके अलावा, नदी किनारे बैरिकेडिंग भी की गई है।
हालांकि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, लेकिन बाढ़ के दृश्य देखने और सेल्फी लेने वालों की भीड़ जमा हो रही है। सुरक्षा बलों द्वारा लोगों को समझाइश देकर वहां से हटाया जा रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन
एसडीआरएफ कमांडेंट नागेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में जारी भारी बारिश और शिवनाथ नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। आज सुबह भारतमाला परियोजना में काम कर रहे 32 मजदूर थनौद गांव के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में फंस गए थे। एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
ग्रामीणों को सतर्कता बरतने के निर्देश
जिला प्रशासन ने सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश जारी किए हैं कि यदि किसी भी गांव में पानी घुसने की स्थिति बने तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। एसडीआरएफ की 50 से अधिक जवानों की टीम पूरी तरह तैयार है, और नदी किनारे बसे गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है।