नशे में धुत मास्टर साहब ने की मर्यादा की हदें पार, शिक्षिका के साथ किया दुर्व्यवहार, फिर…

नशे में धुत मास्टर साहब ने की मर्यादा की हदें पार, शिक्षिका के साथ किया दुर्व्यवहार, फिर…

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक पर महिला शिक्षक के साथ नशे की हालत में दुर्व्यवहार करने और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का गंभीर आरोप लगा है।

यह मामला छपरौली थाना क्षेत्र के नांगल गांव स्थित एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय से जुड़ा है। महिला शिक्षक का आरोप है कि स्कूल के मास्टर साहब यादवेन्द्र उर्फ बोली ने शराब के नशे में न केवल उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया बल्कि जातिगत अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

डंडा उठाकर शिक्षिका के पीछे दौड़ पड़े मास्टर साहब
शिक्षिका ने बताया कि जब उन्होंने हेडमास्टर के व्यवहार का विरोध किया, तो वह और अधिक आक्रामक हो गए। हेडमास्टर ने डंडा उठाकर शिक्षिका को डराने की कोशिश की और उनके पीछे मारने के लिए दौड़ पड़े। यह पूरी घटना महिला टीचर ने अपने मोबाइल फोन में कैद कर ली। वायरल हो रहे इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि हेडमास्टर नशे की हालत में हैं और अशोभनीय भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।

पहले भी की है मास्टर साहब ने बदतमीजी
महिला शिक्षक ने यह भी खुलासा किया कि यह पहली बार नहीं है जब हेडमास्टर ने उनके साथ ऐसा व्यवहार किया हो। पहले भी कई बार उन्होंने अनुचित भाषा और रवैया अपनाया, लेकिन इस बार मामला हद पार कर गया। जब उन्होंने अपमानजनक शब्दों और गाली-गलौच का विरोध किया, तो हेडमास्टर हिंसक हो गए और मारपीट की धमकी देने लगे।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने महिला शिक्षक की शिकायत दर्ज कर ली है और वायरल वीडियो को साक्ष्य के तौर पर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि इस सम्बन्ध में थाना छपरौली पर अभियोग पंजीकृत है। अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
इस मामले ने शिक्षा विभाग और प्रशासन में भी हलचल मचा दी है। एक शिक्षक जैसे जिम्मेदार पद पर कार्यरत व्यक्ति का ऐसा आचरण न केवल शर्मनाक है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। महिला शिक्षक ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगा, ताकि भविष्य में कोई अन्य महिला इस तरह की प्रताड़ना का शिकार न हो।


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