Mosquito liquid Machine : गर्मी का मौसम चल रहा है इस मौसम में गर्म तापमान के साथ ही मच्छरों की तादाद बढ़ने लगती हैं। मच्छरों के काटने से फैलने वाली कई बीमारियां मलेरिया और डेंगू बढ़ने के मामले मिलने लगते है। मच्छरों से बचाव के लिए लोग कई उपाय खोज रहे हैं तो ज्यादातर लोग मच्छर भगाने वाली मशीन का इस्तेमाल करते है। हाल ही में सामने आया है कि, इन प्रकार की मच्छर भगाने वाली मशीन का इस्तेमाल बेहद खतरनाक होता हैं।
जानिए क्या कहती है रिसर्च
आपको बताते चलें कि, हाल ही में सामने आई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि, मच्छर भगाने वाली मशीनों से निकलने वाले केमिकल हवा में मिलकर धीरे-धीरे हमारे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
मशीनों से निकलते है ऐसे केमिकल
आपको बताते चलें कि, मच्छर भगाने वाली मशीनों से कई प्रकार के केमिकल बाहर निकलता है।
प्रैलेथ्रिन – इन मशीनों में से एक अलग प्रकार का केमिकल सिंथेटिक पायरेथ्रॉयड निकलता हैं जो मच्छरों को मारने के लिए इस्तेमाल होता है। ये केमिकल मच्छर को भगाने में तेजी से काम करता है लेकिन इसकी लगातार मौजूदगी सांस के जरिए शरीर में पहुंचकर फेफड़ों और नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकती है।
डाईथिल टोलुआमाइड (DEET) – इस प्रकार से कुछ मशीनों या मच्छर भगाने वाले स्प्रे में खास प्रकार का केमिकल DEET मिलता है। अधिक मात्रा में इसके संपर्क में आने से स्किन पर रैश, चक्कर आना, मतली और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं।
एलिथ्रीन (Allethrin) – इस प्रकार मच्छर भगाने वाली मशीन में एक प्रकार का पायरेथ्रॉयड पाया जाता हैं। जो मच्छरों को दूर भगाने में मदद करता है। लंबे समय तक इसके संपर्क में आने पर एलर्जी, स्किन में जलन और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इस प्रकार की हो सकती हैं हेल्थ समस्याएं
आपको बताते चलें कि, मच्छरों की मशीन से निकलने वाले केमिकल की वजह से कई स्वास्थ्य समस्याएं सामने आती रहती हैं जो इस प्रकार हैं।
- लगातार केमिकल के संपर्क में रहने से सिरदर्द, चक्कर आना और थकान जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
- मशीन से निकलने वाला धुंआ और रसायन फेफड़ों में जाकर अस्थमा, खांसी और सांस लेने में तकलीफ पैदा कर सकते हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो सकती है।
- इन केमिकल्स का लंबे समय तक संपर्क में रहने से दिमाग की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है, जिससे याददाश्त और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है।