वाशिंगटन: डायर वुल्फ हजारों साल पहले ही धरती से विलुप्त हो चुके हैं। लेकिन अब विलुप्त हो चुके ये भेड़िये आनुवंशिक रूप से रूपांतरित किए जा चुके हैं। ऐसे ही तीन भेड़िये अमेरिका में एक अज्ञात सुरक्षित स्थान पर रह रहे हैं। लुप्त प्रजातियों को वापस लाने के लिए काम कर रही एक कंपनी ने इस बारे में जानकारी दी है।
ऐसे दिख रहे हैं भेड़ियों के शावक
कोलोसल बायोसाइंसेज के शोधकर्ताओं ने बताया है कि भेड़ियों के इन शावकों की उम्र तीन से छह महीने के बीच है, इनके लंबे एवं सफेद बाल हैं। शावकों के मांसल जबड़े हैं और इनका वजन लगभग 80 पाउंड है जो उनके वयस्क होने पर 140 पाउंड तक पहुंच जाएगा। डायर वुल्फ 10,000 वर्ष से अधिक समय पहले विलुप्त हो गए थे।
कुछ अद्भुत हो रहा है! वैज्ञानिक कमाल कर रहे हैं!
— Ankit Kumar Avasthi (@kaankit) April 8, 2025
अगर आपने लोकप्रिय सीरीज Game of Thrones देखी है, तो आप Dire Wolf से परिचित होंगे.
कमाल की बात यह है कि 10,000 साल पहले धरती से पूरी तरह विलुप्त हो चुके Dire Wolf को वैज्ञानिकों ने दोबारा इस दुनिया में ला दिया है.
यह कारनामा… pic.twitter.com/rWF6cQU8Qk
जीवविज्ञानी ने क्या कहा?
बफेलो विश्वविद्यालय के जीवविज्ञानी विन्सेंट लिंच ने कहा कि ‘‘अब आप बस इतना ही कर सकते हैं कि किसी जीव को सतही तौर पर किसी और जीव जैसा बना दें’’, लेकिन विलुप्त प्रजातियों को पूरी तरह से पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता। लिंच इस शोध में शामिल नहीं थे।
वैज्ञानिकों ने क्या किया
वैज्ञानिकों ने जीवाश्मों से प्राचीन डीएनए की जांच करके डायर वुल्फ के विशिष्ट लक्षणों के बारे में पता लगाया। शोधकर्ताओं ने ओहियो में खुदाई से मिले डायर वुल्फ के 13,000 साल पुराने दांत और इदाहो में मिले उसकी खोपड़ी के 72,000 साल पुराने टुकड़े का अध्ययन किया, जो संग्रहालय में रखे हैं।
जीन में किया गया बदलाव
कोलोसल की मुख्य वैज्ञानिक बेथ शापिरो ने बताया कि इसके बाद वैज्ञानिकों ने एक जीवित ‘ग्रे वुल्फ’ की रक्त कोशिकाएं लीं और उन्हें 20 अलग-अलग जगहों पर आनुवंशिक रूप से रूपांतरित करने के लिए सीआरआईएसपीआर का इस्तेमाल किया। सीआरआईएसपीआर यानी ‘क्लस्टर्ड रेगुलरली इंटरस्पेस्ड शॉर्ट पैलिंड्रोमिक रिपीट्स’ जीन में बदलाव की तकनीक है।
ऐसे पूरी हुई प्रक्रिया
शापिरो ने बताया कि वैज्ञानिकों ने उस आनुवंशिक सामग्री को एक घरेलू भेड़िये के अंडे की कोशिका में स्थानांतरित किया। इसके बाद भ्रूण को घरेलू भेड़िया सरोगेट (किराए की कोख) में स्थानांतरित किया गया। 62 दिनों के बाद आनुवंशिक रूप से बदलाव की तकनीक से रूपांतरित शावकों का जन्म हुआ जो डायर वुल्फ से मिलते-जुलते हैं।