Dhanteras Shani Upay : धनतेरस के दिन शनि त्रयोदशी का महासंयोग, साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित राशियां करें ये 8 उपाय

Dhanteras Shani Upay : धनतेरस के दिन शनि त्रयोदशी का महासंयोग, साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित राशियां करें ये 8 उपाय

Dhanteras 2025 Shani Sade Sati and Dhaiya Upay: हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में हर महीने के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस बार धनतेरस 18 अक्टूबर, शनिवार को है। शनिवार के दिन धनतेरस होने के कारण इस दिन शनि त्रयोदशी या शनि प्रदोष व्रत का महासंयोग बन रहा है। शनिवार का दिन न्याय देवता शनिदेव को समर्पित है। शनि साढ़ेसाती व ढैय्या के अशुभ प्रभावों से बचाव के लिए शनि प्रदोष व्रत या शनि त्रयोदशी का दिन अति उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन कुछ उपायों को करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित राशियों पर उनका प्रकोप कम होता है। इस समय मेष, कुंभ व मीन राशि पर शनि कीसाढ़ेसाती और सिंह व धनु राशि पर शनि ढैय्या चल रही है। जानें धनतेरस पर शनि कृपा पाने के लिए शनि ढैय्या व साढ़ेसाती से पीड़ित राशियां कौन-से उपाय करें।

शनि कृपा पाने के लिए धनतेरस के दिन करें ये उपाय:

  1. धनतेरस के दिन शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित राशियों को राहत के लिए भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  2. इस दिन शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए और शनिदेव को काले तिल, उड़द की दाल दान अर्पित करनी चाहिए।
  3. इस दिन शनि चालीसा या शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
  4. शनिदेव की कृपा पाने के लिए धनतेरस के दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करना चाहिए और भगवान शिव को काले तिल व बेलपत्र अर्पित करना चाहिए।
  5. इस दिन शनि कृपा पाने के लिए काले वस्त्र, लोहा, काले तिल, काली उड़द की दाल, छाता व जूते आदि का दान करना चाहिए।
  6. इस दिन सुबह व शाम को पीपल के वृक्ष के सामने दीपक जलाना चाहिए और उसकी परिक्रमा करना अत्यंत शुभ माना गया है।
  7. धनतेरस के दिन शनि कृपा पाने के लिए हुनमान जी की विधिवत पूजा-अर्चना करनी चाहिए और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  8. इस दिन गाय, कुत्ते व कौवे को रोटी खिलाना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।

Related Articles