Dhanteras 2025: धनतेरस ही नहीं, इन 6 मौकों पर भी झाड़ू खरीदना शुभ, अमीर होने में नहीं लगती देर

Dhanteras 2025: धनतेरस ही नहीं, इन 6 मौकों पर भी झाड़ू खरीदना शुभ, अमीर होने में नहीं लगती देर

Dhanteras 2025: आज धनतेरस है. इस शुभ तारीख पर सोना-चांदी और नए बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. कहते हैं कि धनतेरस पर मूल्यावान चीजों की खरीदारी से धनधान्य में 13 गुना वृद्धि होती है. इस दिन झाड़ू खरीदने से भी मां लक्ष्मी की कृपा होती है और घर में कभी धन का अकाल नहीं पड़ता है. वास्तु शास्त्र में झाड़ू को स्वयं देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि धनतेरस के अलावा कौन-कौन से दिन झाड़ू खरीदकर घर लाना शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं.

  1. कृष्ण पक्ष
    हिंदू धर्म में हर माह के दो पक्ष होते हैं. पहले 15 दिन कृष्ण पक्ष और दूसरे 15 शुक्ल पक्ष. वास्तु के अनुसार, किसी भी माह के कृष्ण पक्ष में झाड़ू खरीदना उत्तम होता है. शुक्ल पक्ष में झाड़ू नहीं खरीदनी चाहिए. कृष्ण पक्ष में खरीदी गई झाड़ू से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धनधान्य में वृद्धि करती हैं.
  2. शनिवार
    शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है. और झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक समझा जाता है. इसके बावजूद शुक्रवार के दिन घर में नई झाड़ू लाना अशुभ समझा जाता है. कहते हैं कि शनिवार का दिन झाड़ू खरीदने के लिए सबसे उत्तम होता है और इस दिन नई झाड़ू खरीदकर लाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
  3. दिवाली
    घर में नई झाड़ू लाने का एक और आदर्श मौका दिवाली है. कहते हैं कि दिवाली पर नई झाड़ू खरीदने से दरिद्रता घर से बाहर जाती है और सुख-संपन्नता का प्रवेश होता है.
  4. अक्षय तृतीया
    वैशाख शुक्ल की तृतीया यानी अक्षय तृतीया पर भी नई झाड़ू खरीदकर लाना शुभ माना जाता है. ऐसा भी कहते हैं कि इस दिन खरीदी गई चीजें लंबे समय तक लाभ देती हैं.
  5. नवरात्रि
    चैत्र नवरात्र या शारदीय नवरात्र के शुभ अवसर पर भी नई झाड़ू की खरीदारी शुभ मानी जाती है. ज्यादातर लोग तो नवरात्र से पहले सफाई भी नई झाड़ू से ही करते हैं. ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
  6. कृष्ण पक्ष के शनिवार
    हिंदू धर्म के किसी भी माह के कृष्ण पक्ष के शनिवार को झाड़ू खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस संयोग में झाड़ू खरीदने से आर्थिक स्थिति को बल मिलता है और धनधान्य की प्राप्ति होती है.

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