Delhi Chunav Result: दिल्ली चुनाव को लेकर कुमार विश्वास ने कह दी ‘मन की बात’, बोले- अपने शीशमहल में बुलाकर…

Delhi Chunav Result: दिल्ली चुनाव को लेकर कुमार विश्वास ने कह दी ‘मन की बात’, बोले- अपने शीशमहल में बुलाकर…

धनबाद। प्रख्यात कवि और रामकथा वाचक डा कुमार विश्वास ने श्री श्री रामराज मंदिर चिटाही धाम के मंच से कहा हर युग में अहंकारी दुर्योधन का पतन हुआ है। इस युग में भी हो गया। बिना किसी का नाम लिए कहा, अपने शीशमहल में बुलाकर महिला का अपमान करने वाले दुर्योधन का नाश आज पूरा भारत देख रहा है। राजाराम की कृपा से आज एक अहंकारी का शीश झुका है। सभी को महाभारत और रामायण दोनों का ज्ञान होना चाहिए। मुझे भी महाभारत ने सीख दी। जीवन की दिशा मिली।

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महाभारत के अनुसार अगर मित्र दुर्योधन हो जाए तो कर्ण की तरह रथ पर सवार न रहें। उतर जाएं, मैंने वैसा ही किया और आज उस दुर्योधन का नाश हो गया। इतिहास गवाह है जिसने भी अपने शीशमहल में बुलाकर महिला का अपमान किया, उसके समूल वंश का नाश हुआ। आज सबके सामने देश की राजनीति में यह दिख गया। लोग आज मेरे एक एक शब्द को सुनना चाहते हैं। मैं जानता हूं आज ऐसा क्यों हो रहा है। कविता की अपनी मर्यादा है। यह अपने तेवर में बोलती है और आज मैं बोलूंगा।

आज अच्छा दिन है- कुमार विश्वास
कुमार विश्वास ने कहा कि आज दिल्ली में दोपहर 12 बजे से ही पत्रकार बंधुओं का जमावड़ा लग गया। सभी को यही उम्मीद थी कि आज कुमार विश्वास के साथ जी भरकर बोलेगा और बोला भी। धनबाद आने के क्रम में ढाई घंटे तक मोबाइल बंद था। पत्रकार से लेकर अन्य लोग तक परेशान हो उठे। फिर रास्ते में सभी की जिज्ञासा शांत की। राजाराम के आशीर्वाद से एक अहंकारी का अहंकार टूट गया। आज अच्छा दिन है और इस अवसर पर राजाराम के दरबार में आप सभी के सम्मुख खड़े होकर गौरवान्वित हो रहा हूं।

अगले कुछ माह के अंदर सात दिनों तक धनबाद में रामकथा
कुमार ने कहा कि आज मेरे पास समय कम है, लेकिन अगले कुछ महीनो में प्रभु श्री राम ने चाहा तो धनबाद में सात दिनों की राम कथा होगी। बागेश्वर धाम सरकार समेत अनेक कथावृंद भी उपस्थित रहेंगे। आप सभी को तीन-तीन घंटे प्रभु श्री राम का स्मरण करने का अवसर प्रदान होगा। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में लोग बाबा धाम जाने के क्रम में इस राम मंदिर का भी भ्रमण अवश्य करेंगे। कवि को कुछ नहीं चाहिए, आपका साथ, आपकी तालियां और आपका ठहाका चाहिए। इस दौरान उन्होंने अपनी चर्चित वीर रस की कविताओं से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह भी कहा कि पीछे वालों में ज्यादा शोर है। आगे वाले बुलाए गए हैं और पीछे वाले स्वयं आए हैं।


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