अमरोहा। मनरेगा में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस बार मामला भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी की बहन से जुड़ा है। बहन शबीना और एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे बहन के देवर आमिर सुहेल तीन वर्ष तक मनरेगा मजदूरी लेते रहे, जबकि बहन की सास ग्राम प्रधान हैं। प्रकरण की शिकायत मिलने पर बुधवार को सीडीओ एके मिश्र के निर्देश पर बीडीओ जोया लोकचंद आनंद मामले की जांच को गांव पहुंचे। ग्रामीणों व मनरेगा मजदूरों से बातचीत कर हकीकत जानी। पता चला कि गत अगस्त माह में ही दोनों के मनरेगा कार्ड निरस्त कर दिए गए थे। वेबसाइट से भी नाम हटा दिया गया था। अब अधिकारी उनसे भुगतान की गई मनरेगा मजदूरी की रिकवरी की तैयारी में जुट गए हैं।
2021 से 2024 तक मनरेगा मजदूरी लेने का आरोप
जोया ब्लाक क्षेत्र के गांव पलौला की ग्राम प्रधान गुले आयशा के बड़े बेटे गजनबी से शमी की बहन शबीना ब्याही हैं। आमिर सुहेल शबीना के देवर हैं। आरोप है कि शमी की बहन और उनके देवर वर्ष 2021 से 2024 तक बगैर काम मनरेगा मजदूरी का भुगतान लेते रहे। अन्य परिवार के लोगों के भी मनरेगा जाबकार्ड बनवाए गए हैं।
बीडीओ ने बताया कि इस समय शबीना और आमिर सुहेल मनरेगा मजदूर नहीं है। गत अगस्त माह में उनके मनरेगा कार्ड निरस्त कर दिए गए थे। दोनों से मजदूरी के भुगतान की राशि की रिकवरी होगी। उधर, शमी के भाई हसीब अहमद ने बताया कि बहन की ससुराल में क्या प्रकरण चल रहा है इससे शमी या उनका कोई लेनादेना नहीं है।
मनरेगा श्रमिकों को मिलेगा रोजगारपरक प्रशिक्षण
वहीं दूसरी ओर, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 100 दिन काम करने वाले श्रमिकों के लिए अच्छी खबर है। विभाग उन्हें व उनके घर के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाएगा। डेयरी, मधुमक्खी पालन आदि अन्य काम करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले चरण में 35 युवाओं को म्याऊं ब्लाक में प्रशिक्षण दिया गया है।

मनरेगा में 100 दिन का रोजगार पाने वाले श्रमिकों के स्वजन जिनकी उम्र 18 से 35 है उनको रोजगारपरक प्रशिक्षण देने के लिए प्रोजेक्ट उन्नति शुरू किया है। प्रोजेक्ट उन्नति के तहत आरसेटी की ओर से कौशल विकास के तहत स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण अवधि के दौरान लाभार्थी को प्रत्येक कार्यदिवस पर 237 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
42,01,989 मानव दिवस सृजित हुए जिले में दो लाख 24 हजार जाबकार्ड धारक मनरेगा में है, इसमें सक्रिय मजदूरों की संख्या एक लाख 45 हजार है। शासन स्तर से वित्तीय वर्ष 24-25 के लिए मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य 38 लाख 28 हजार रखा गया था। अभी तक जिले में 89,461 परिवारों को 42,01,989 मानव दिवस काम दिया गया।
6,049 श्रमिकों को मिला 100 दिन का रोजगार ग्राम पंचायतों में बड़ी संख्या में प्रतिदिन श्रमिक काम कर रहे है। मनरेगा में ग्रामीण परिवारों के वयस्क सदस्यों को साल में कम से कम 100 दिनों का रोजगार दिया जाता है। जिले में 6,049 श्रमिकों को 100 दिनों को रोजगार दिया जा चुका है।
प्रशिक्षण के लिए 133 श्रमिकों ने कराया पंजीकरण जिले में 6,049 श्रमिकों को मिला 100 दिन का रोजगार दिया गया है। मनरेगा में अभी तक 133 श्रमिकों ने प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण कराया है, इसमें एक बेंच म्यांऊ ब्लाक में डेयरी फार्मिंग एंड वर्मी कंपोस्ट मेकिंग का प्रशिक्षण ले चुका है।
इस बेंच में 35 सदस्य शामिल थे। जिले में सभी ब्लाकों में श्रमिक व उनके स्वजन को प्रशिक्षण दिया जाएगा। मनरेगा श्रमिकों को रोजगार से जोड़ने के लिए डेयरी फार्मिंग एंड वर्मी कंपोस्ट मेकिंग, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महिलाओं ने 10,95,437 मानव दिवस किया काम जनपद में मनरेगा में दो लाख 24 हजार मनरेगा में जाबकार्ड धारक है। एक लाख 45 हजार जाबकार्ड धारक सक्रिय है। इसमें 72,032 महिला श्रमिकों के पास जाबकार्ड है। इसमें 44,564 महिला श्रमिक मनरेगा में काम कर रही है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में 42,01,989 मानव दिवस सृजित हुए। इसमें महिलाओं 10,95,437 मानव दिवस काम किया है। सबसे ज्यादा महिलाओं ने उसावां ब्लाक में 168,766 मानव दिवस काम दिया गया है। सबसे कम बिसौली ब्लाक में 22,786 मानव दिवस महिलाओं को काम दिया गया।