Naxalites Killed Villagers: बौखलाए नक्सलियों की कायराना करतूत, बेटे के सरेंडर करते ही कर दी पिता की हत्या

Naxalites Killed Villagers: बौखलाए नक्सलियों की कायराना करतूत, बेटे के सरेंडर करते ही कर दी पिता की हत्या

बीजापुर। छत्तीसगढ़ में लगातार चलाये जा रहे नक्सल विरोधी अभियान से बौखलाए नक्सलियों ने एक बार फिर ग्रामीणों को निशाना बनाया है। जानकारी के मुताबिक, बीजापुर जिले में नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की धारदार हथियार से हत्या कर दी है। बताया जा रहा है कि, 4-5 अज्ञात माओवादी उनके घरों में घुसकर बाहर बुलाकर ले गए, फिर धारदार हथियारों से उनकी निर्मम हत्या कर दी। घटना तर्रेम थाना क्षेत्र की है।

जानकारी के मुताबिक, चार से पांच अज्ञात माओवादियों ने दो ग्रामीणों, कवासी जोगा (55, ग्राम छुटवाई) और मंगलू कुरसाम (50, ग्राम बड़ा तर्रेम) को उनके घरों से जबरन बाहर बुलाकर धारदार हथियारों से निर्मम हत्या कर दी। पुलिस ने सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात कर गश्त तेज कर दी है।

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बेटे के सरेंडर का बदला

मंगलू कुरसाम के बेटे नंदू ने हाल ही में नक्सल संगठन छोड़कर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। आशंका है कि नक्सली नंदू को निशाना बनाने आए थे, लेकिन उसकी अनुपस्थिति में उन्होंने उसके पिता मंगलू कुरसाम को मार डाला। यह हत्या पुलिस मुखबिरी के शक में की गई। इस घटना ने ग्रामीणों में डर और गुस्से का माहौल पैदा कर दिया है, क्योंकि नक्सली अब सरेंडर करने वालों और उनके रिश्तेदारों को निशाना बना रहे हैं।

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25 दिनों में 10 हत्याएं

बीजापुर में नक्सली हिंसा की यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले 25 दिनों में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में 10 लोगों की हत्या की है, जिनमें 6 ग्रामीण, 2 छात्र, और 2 शिक्षा दूत शामिल हैं। 17 जून 2025 को पेद्दाकोरमा गांव में नक्सलियों ने 70-80 की संख्या में पहुंचकर तीन ग्रामीणों—सोमा मोड़ियाम (20, कॉलेज छात्र), अनिल माड़वी (13, 7वीं कक्षा का छात्र) और एक अन्य ग्रामीण- की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी थी।

ये तीनों DVCM कैडर के सरेंडर नक्सली दिनेश मोड़ियाम के रिश्तेदार थे। नक्सलियों ने आरोप लगाया कि इन्होंने दिनेश को आत्मसमर्पण के लिए उकसाया और उससे पैसे लिए, जिसके चलते उनकी हत्या की गई।

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नक्सली अब न केवल ग्रामीणों, बल्कि शिक्षा दूतों और छात्रों को भी निशाना बना रहे हैं। 15 जुलाई 2025 को फरसेगढ़ थाना क्षेत्र के पीलूर और टेकमेटा गांव में दो शिक्षा दूतों, विनोद मड्डे (32) और सुरेश मेटा (28) की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई।

नक्सलियों ने इन पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया। बीते 25 वर्षों में 1821 लोग नक्सली हिंसा का शिकार हो चुके हैं, जिसमें आम नागरिक, जनप्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारी शामिल हैं। यह हिंसा शिक्षा और विकास के प्रयासों को बाधित करने की कोशिश है।


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