Chhattisgarh Cough Syrup Ban: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एडवाइजरी के बाद छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार (06 अक्तूबर) को दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी और सर्दी-जुकाम के लिए किसी भी प्रकार की सिरप या दवा देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम छोटे बच्चों को संभावित गंभीर दुष्प्रभावों से बचाने के लिए उठाया गया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि शिशुओं में सामान्य खांसी और जुकाम अक्सर स्वयं ठीक हो जाता है, इसलिए दवा देना अनावश्यक और जोखिमपूर्ण हो सकता है।
कफ सिरप में जहरीले केमिकल से 16 बच्चों की मौत
हाल ही में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से कई बच्चों की किडनी फेल होने की घटनाएं सामने आईं, जिनमें 16 बच्चों की जान चली गई। जांच में यह पता चला कि उक्त सिरप में जहरीला केमिकल मिला था। इसी तरह राजस्थान और मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में भी बच्चों की मौत की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की और छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया।
सख्ती से पालन का निर्देश
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) और सिविल सर्जनों को निर्देश जारी किए हैं कि केंद्र सरकार की एडवाइजरी का पालन सख्ती से किया जाए। आयुक्तालय स्वास्थ्य सेवाएं ने उच्चस्तरीय वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जिलास्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दवाओं का उपयोग केवल चिकित्सकीय परामर्श पर ही किया जाए। किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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फार्मेसियों और निर्माण इकाइयों के निरीक्षण के लिए टीम गठित
राज्य में निगरानी और कार्रवाई को तेज करने के लिए औषधि निरीक्षकों की टीम गठित की गई है। राज्यभर में औषध निर्माण इकाइयों का जोखिम-आधारित निरीक्षण शुरू कर दिया गया है। सभी सहायक औषधि नियंत्रकों और निरीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे निजी फार्मेसियों का आकस्मिक निरीक्षण भी करें ताकि दवाओं के अनुचित या असावधानीपूर्वक उपयोग को रोका जा सके।
आम जनता को भी किया जा रहा जागरूक
स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता को भी डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न देने के प्रति जागरूक किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना चिकित्सकीय परामर्श के खांसी-सर्दी की दवा देना गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकता है।
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (CGMSC) ने स्पष्ट किया है कि जिन कंपनियों के खिलाफ अन्य राज्यों में कार्रवाई हुई है, उनकी राज्य में सरकारी आपूर्ति कभी नहीं रही। ये कंपनियां CGMSC के डेटाबेस में पंजीकृत नहीं हैं। इसका मतलब यह है कि सरकारी अस्पतालों में इस प्रकार के जहरीले सिरप का उपयोग नहीं हुआ है और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।