Contract employees वैसे तो संविदा कर्मचारियों के लिए चुनाव के समय कई तरह के वादे किए जाते हैं, लेकिन चुनाव खत्म होते ही उनके मांगों को लेकर ज्यादा पहल नहीं की जाती है। यहीं वजह है कि संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़क से लेकर अदालत तक लड़ाई लड़ते हैं। बिरले राज्य की सरकारें हैं, जो उनकी हितों के लेकर फैसला लेती है। मध्यप्रदेश सरकार ने भी संविदा कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। इससे संविदा कर्मचारियों में खुशी की लहर है।
Contract employees दरअसल, मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने संविदा कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का ऐलान किया है। संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में 2.94 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। वेतन वृद्धि का लाभ 1 अप्रैल 2025 से मिलेगा। इस संबंध में वित्त विभाग ने भी आदेश जारी कर दिया है। इस फैसले से कर्मचारियों के वेतन में 1500 रुपए तक की वृद्धि होगी। पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में यह वृद्धि 3.78 प्रतिशत की गई थी। संविदा वर्ग को उम्मीद थी कि इस बार सरकार 4 प्रतिशत तक की वृद्धि कर लाभ देगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि आज जो वृद्धि की गई है, उससे कर्मचारियों को 300 रुपए से 1500 रुपए तक की वेतन वृद्धि मिलेगी, जो नाम मात्र है। पहले यह वृद्धि दो हजार से आठ हजार तक होती थी।
महंगाई भत्ते की थी आवश्यकता
संविदा कर्मचारियों का कहना है कि महंगाई भत्ता (DA) उनकी मूल वेतन में शामिल किया जाना चाहिए, जैसा कि पहले नियमित कर्मचारियों को मिलता था। इससे उनके वेतन में और बढ़ोतरी हो सकती थी और उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधर सकती थी। कर्मचारी संघ का कहना है कि महंगाई भत्ता उनकी असली जरूरतों को पूरा करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।