रायपुर, 17 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ में कर्मचारी संगठनों और शासन के बीच बेहतर संवाद एवं परस्पर समन्वय को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में विभागाध्यक्ष, जिला एवं राज्य स्तरीय परामर्शदात्री समितियों की बैठकों का आयोजन प्रारंभ हो गया है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप यह प्रक्रिया शुरू हुई है, जिससे कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांगों और समस्याओं पर शासन स्तर पर गंभीर चर्चा का मार्ग प्रशस्त हुआ है। फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल द्वारा 09 दिसंबर को नवनियुक्त मुख्य सचिव से भेंट कर परामर्शदात्री समिति की नियमित बैठकें आयोजित किए जाने संबंधी ज्ञापन सौंपा गया था, जिसे शासन द्वारा गंभीरता से लेते हुए आवश्यक निर्देश जारी किए गए।
मुख्य सचिव द्वारा इस विषय पर त्वरित निर्णय लेते हुए सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव को 15 दिसंबर तक विभागाध्यक्ष स्तर पर परामर्शदात्री समिति की बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए थे। इसके अनुपालन में विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए, जिसके बाद प्रदेश के अनेक विभागों में इन बैठकों का सफल आयोजन प्रारंभ हो चुका है। मुख्य सचिव के इस सकारात्मक निर्णय का छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने स्वागत करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया है। फेडरेशन का मानना है कि यह पहल कर्मचारी हितों की रक्षा एवं प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि वर्तमान में प्रदेश के कई विभागों में परामर्शदात्री समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं, जिनमें वे स्वयं कुछ विभागों की बैठकों में व्यक्तिगत रूप से शामिल हुए हैं। इन बैठकों को लेकर कर्मचारियों एवं विभिन्न संगठनों में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। विभागाध्यक्ष कार्यालयों द्वारा बैठकों के लिए उत्कृष्ट तैयारियां की गई हैं तथा संपूर्ण वातावरण सकारात्मक और उत्सवपूर्ण प्रतीत हो रहा है, जिससे कर्मचारी-अधिकारी संवाद को नई ऊर्जा मिली है।
विभागाध्यक्ष स्तर पर आयोजित इन परामर्शदात्री समिति की बैठकों में पदोन्नति, समयमान वेतनमान, सेटअप संबंधी समस्याएं, परिवीक्षा एवं स्थायीकरण, विभागीय जांच, गोपनीय प्रतिवेदन का संधारण, अनुकंपा नियुक्ति तथा पेंशन प्रकरणों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर कर्मचारी संगठनों के साथ सार्थक एवं सकारात्मक चर्चा की जा रही है। श्री वर्मा ने बताया कि फेडरेशन की लंबी संघर्षपूर्ण पहल के बाद शासन द्वारा शासकीय सेवकों के गोपनीय प्रतिवेदन एवं अचल संपत्ति की जानकारी को स्पैरो प्रणाली के माध्यम से जनवरी 2026 से ऑनलाइन किए जाने का निर्णय लिया गया है, जिससे कर्मचारियों को समय पर पदोन्नति एवं समयमान वेतनमान का लाभ सुनिश्चित हो सकेगा।
प्रांतीय संयोजक ने प्रदेश के समस्त शासकीय कर्मचारियों से अपील की है कि वे मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के माध्यम से अपनी समस्याओं को परामर्शदात्री समिति के एजेंडा में शामिल कराएं, ताकि उनका निराकरण समयबद्ध तरीके से हो सके। शासन के नियमानुसार अब प्रदेश में ये बैठकें प्रत्येक तीन माह में नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी। साथ ही मुख्य सचिव से हुई चर्चा के अनुसार राज्य स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक भी शीघ्र ही मंत्रालय में आयोजित की जाएगी, जिससे कर्मचारी-शासन संवाद को और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा।
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