दिल्ली विधानसभा चुनाव में इंडिया अलायंस पूरी तरह बिखर गई है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे के साथ गठबंधन के बिना ही चुनाव में उतरी थीं. वहीं, अब पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भी सत्तारूढ़ पश्चिम बंगाल ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि पार्टी राज्य में 2026 का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी.
टीएमसी सूत्र ने सीएम ममता बनर्जी के हवाले से कहा, ‘कांग्रेस ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की मदद नहीं की. हरियाणा में आप ने कांग्रेस की मदद नहीं की. इसलिए, भाजपा दोनों राज्यों में जीत गई. सभी को एक साथ होना चाहिए, लेकिन बंगाल में कांग्रेस का कुछ भी नहीं है. मैं अकेले लड़ूंगी. हम अकेले ही काफी हैं.’ वहीं, सीएम बनर्जी ने बैठक में अगले साल होने वाले चुनाव में दो तिहाई बहुमत से जीतने का विश्वास भी जताया.
विधायकों से सतर्क रहने को भी कहा गया
टीएमसी प्रमुख बनर्जी ने विधानसभा के बजट सत्र से पहले एक बैठक में अपनी पार्टी के सांसदों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अगले साल होने वाला राज्य विधानसभा चुनाव दो तिहाई बहुमत से जीतने का भरोसा जताया. उन्होंने दावा किया कि पार्टी कुल सीट में से दो तिहाई से अधिक सीट जीतकर लगातार चौथी बार राज्य में सरकार बनाएगी. पार्टी के एक सूत्र के अनुसार, यह बैठक एक बंद कमरे में हुई थी.
बैठक में यह भी कहा गया कि समान विचारधारा वाले दलों को आपसी समझ बनानी होगी ताकि बीजेपी विरोधी वोटों का बंटवारा न हो. उन्होंने कहा, ‘अन्यथा, इंडिया गठबंधन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी को रोकना मुश्किल हो जाएगा.’ टीएमसी प्रमुख बनर्जी ने पार्टी विधायकों से सतर्क रहने को भी कहा, क्योंकि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए मतदाता सूची में विदेशियों के नाम शामिल करने की कोशिश कर सकती है.
नए पदाधिकारियों के चयन को लेकर हुई बात
एक सूत्र ने कहा कि बनर्जी ने बैठक में बताया कि वह पार्टी की इकाइयों में राज्य स्तर से लेकर बूथ स्तर और विभिन्न शाखाओं में फेरबदल करेंगी. नए पदाधिकारियों के चयन के लिए, उन्होंने विधायकों से 25 फरवरी तक वरिष्ठ नेता अरूप बिस्वास को प्रत्येक पद के लिए तीन नाम सुझाने को कहा. पश्चिम बंगाल विधानसभा का कार्यकाल 7 मई 2026 को समाप्त होने वाला है.