छत्तीसगढ़ सरकार ने 30 जून 2025 को अहम साय कैबिनेट बैठक बुलाई है। यह बैठक इस मायने में खास होने जा रही है क्योंकि इसी दिन मौजूदा मुख्य सचिव अमिताभ जैन का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और उन्हें औपचारिक विदाई दी जाएगी। बैठक में शासन के सचिवों से एजेंडा मंगाया गया है, लेकिन तमाम मुद्दों के बीच सबसे भावनात्मक और महत्वपूर्ण बिंदु अमिताभ जैन की विदाई को माना जा रहा है।
2014 की परंपरा दोहराएगी साय सरकार
पूर्ववर्ती रमन सरकार ने 2014 में तत्कालीन मुख्य सचिव सुनील कुमार को कैबिनेट बैठक में सम्मानपूर्वक विदाई दी थी। उसी परंपरा को साय सरकार दोहराने जा रही है। माना जा रहा है कि बैठक के बाद अमिताभ जैन अपने कक्ष से निजी सामान समेटकर मंत्रालय से विदाई लेंगे।
कौन होगा अगला मुख्य सचिव? सस्पेंस बरकरार
राज्य के नए मुख्य सचिव के नाम को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन वरिष्ठता और प्रशासनिक अनुभव के आधार पर कई नामों की चर्चा जोरों पर है। रेणु पिल्ले, सुब्रत साहू, ऋचा शर्मा, मनोज पिंगुआ जैसे अफसरों के नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वहीं कुछ अफसर जैसे अमित अग्रवाल, निधि छिब्बर और विकासशील वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, इसलिए उनकी संभावना कम मानी जा रही है।
दिल्ली की ‘मर्जी’ देख रही है सरकार?
सूत्रों की मानें तो छत्तीसगढ़ सरकार अभी केंद्र के संकेतों का इंतजार कर रही है। हाल ही में मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर हुए विवाद को देखते हुए रायपुर स्थित प्रशासनिक महकमा कोई भी जोखिम लेने के मूड में नहीं है। वहां राजेश राजौरा की नियुक्ति की चर्चा के बीच केंद्र सरकार ने अनुराग जैन को भोपाल भेजकर राज्य सरकार को चौंका दिया था। छत्तीसगढ़ सरकार नहीं चाहती कि ऐसी ही स्थिति यहां दोहराई जाए।
सुब्रत साहू और मनोज पिंगुआ रेस में सबसे आगे!
ब्यूरोक्रेसी के गलियारों में इस समय सबसे मजबूत दावेदार के रूप में सुब्रत साहू और मनोज पिंगुआ के नाम की चर्चा है। दोनों ही अफसरों का प्रशासनिक अनुभव और राज्य सरकार से नजदीकी मजबूत मानी जा रही है। हालांकि यह सिर्फ चर्चाएं हैं, औपचारिक घोषणा के बाद ही तस्वीर स्पष्ट हो पाएगी।
काउंटडाउन शुरू, जल्द होगा नाम का ऐलान
अब जबकि अमिताभ जैन की विदाई तय है, तो यह लगभग तय माना जा रहा है कि सरकार ने नए मुख्य सचिव के नाम पर अंतिम निर्णय कर लिया है। हालांकि, नाम को लेकर सस्पेंस बनाए रखना यह दर्शाता है कि सरकार अंतिम समय तक किसी अप्रत्याशित निर्देश से खुद को सुरक्षित रखना चाहती है। आने वाले कुछ दिन छत्तीसगढ़ की प्रशासनिक दुनिया के लिए बेहद निर्णायक होंगे।