Chhattisgarh News: भोपालपटनम तालाब किनारे बिखरी प्राचीन धरोहर, पर्यटन की संभावनाओं पर उठे सवाल…

Chhattisgarh News:  भोपालपटनम तालाब किनारे बिखरी प्राचीन धरोहर, पर्यटन की संभावनाओं पर उठे सवाल…

Chhattisgarh News: बस्तर। इतिहास की परतें कई बार हमारे आस-पास ही बिखरी पड़ी होती हैं, बस उनकी ओर ध्यान देने की जरूरत होती है। बस्तर अंचल के भोपालपटनम नगर के बड़े तालाब किनारे का दृश्य इसी का प्रमाण है। यहाँ झाड़ियों और सूखे पत्तों के बीच देवी-देवताओं की कई प्राचीन मूर्तियाँ पड़ी हुई हैं। उपेक्षा और समय की मार झेलते-झेलते ये प्रतिमाएँ खंडित हो चुकी हैं, लेकिन इनका स्वरूप आज भी इस क्षेत्र की गौरवशाली सांस्कृतिक और धार्मिक समृद्धि की गवाही देता है।

यहाँ की मूर्तियाँ याद दिला रही प्राचीन संस्कृति

कहा जाता है कि ये मूर्तियाँ किसी प्राचीन मंदिर या धार्मिक स्थल का हिस्सा रही होंगी। समय और अनदेखी के कारण मंदिर तो विलुप्त हो गया, लेकिन उसकी धरोहर तालाब किनारे उपेक्षित हालत में रह गई। कुछ प्रतिमाएँ इतनी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं कि उनका स्वरूप पहचानना कठिन है, वहीं कई प्रतिमाओं में देवी-देवताओं की झलक साफ दिखाई देती है। पत्थरों पर की गई बारीक नक्काशी और कलात्मकता उस समय के शिल्पकारों की दक्षता को दर्शाती है। इन मूर्तियों को देखने से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि उस दौर में कला और स्थापत्य कितना विकसित था।

Read More: पीहू तीसरी बार बनेंगी काछनदेवी, कांटों भरे झूले पर झूलकर करेंगी बस्तर दशहरा की रथ परिक्रमा

बन सकता है नया पर्यटन स्थल

Chhattisgarh News: स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि प्रशासन और पुरातत्व विभाग पहल करें, तो भोपालपटनम का यह स्थल न केवल ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित हो सकता है बल्कि सांस्कृतिक पर्यटन का भी महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है। इससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और आने वाली पीढ़ियाँ अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ सकेंगी। फिलहाल ये प्रतिमाएँ बारिश, धूप और बदलते मौसम की मार झेल रही हैं। संरक्षण के अभाव में आने वाले वर्षों में यह बहुमूल्य धरोहर पूरी तरह नष्ट हो सकती है। बस्तर अंचल के कई हिस्सों में इसी तरह उपेक्षित धरोहरों की स्थिति यह सवाल खड़ा करती है कि क्या हम अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने के प्रति सचेत हैं।


Related Articles