Chhattisgarh News: बस्तर / छत्तीसगढ़ में खेल और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक बन चुका बस्तर ओलंपिक 2025 इस बार और भी भव्य रूप में आयोजित होने जा रहा है। राज्य सरकार ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं। डिप्टी मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने आयोजन की समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों को पुख्ता कार्ययोजना के साथ पूरी जिम्मेदारी निभाने के निर्देश दिए हैं। इस आयोजन का उद्देश्य केवल खेल प्रतियोगिता कराना नहीं, बल्कि बस्तर क्षेत्र में युवाओं के सशक्तीकरण, नेतृत्व विकास और भयमुक्त वातावरण का निर्माण करना है।
आदिवासी अंचल अब खेल में भी आगे
Chhattisgarh News: अक्टूबर-नवंबर में होने वाले इस आयोजन में बस्तर संभाग के सातों जिलों और 32 विकासखंडों के 40 हजार से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे। प्रतियोगिताएं तीन स्तरों विकासखंड, जिला और संभाग पर करीब डेढ़ महीने तक चलेंगी। बस्तर ओलंपिक में 11 पारंपरिक और आधुनिक खेलों को शामिल किया गया है, जिनमें एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल और रस्साखींच जैसे खेल प्रमुख हैं।
इस आयोजन की सबसे खास बात यह है कि इसमें आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित दिव्यांगों के लिए भी विशेष प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। पुरुषों और महिलाओं दोनों वर्गों के लिए अलग-अलग स्पर्धाएं रखी जाएंगी, जिससे समाज के सभी वर्गों को जोड़ने की एक सशक्त पहल की जा सके।
बस्तर का हो रहा लगातार विकास
Chhattisgarh News: डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि बस्तर ओलंपिक खेल और विकास का संगम है और यह बस्तर की युवा शक्ति को संगठित कर उन्हें एक नई दिशा देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार इस आयोजन की खुले मंच से सराहना कर चुके हैं। वहीं डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर ओलंपिक को यादगार बनाने के लिए सभी विभागों को समन्वय के साथ काम करना होगा।
‘करसाय ता बस्तर, बरसाय ता बस्तर’ यानी ‘खेलगा बस्तर, जीतेगा बस्तर’ को ध्येय वाक्य बनाकर राज्य सरकार इस आयोजन को एक जन आंदोलन के रूप में प्रस्तुत करना चाहती है, जो निश्चित ही बस्तर के युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ाएगा और क्षेत्र में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा।