राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की घटना ने पूरे प्रदेश में गुस्से की लहर फैला दी है। जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने इस घटना के विरोध में राज्योत्सव से एक दिन पहले यानी 31 अक्टूबर को रायपुर महाबंद का ऐलान किया है। पार्टी का कहना है कि यह घटना केवल तोड़फोड़ नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की आस्था और अस्मिता पर हमला है।
तेलीबांधा में दिनदहाड़े तोड़ी गई थी प्रतिमा
जोहार पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि तेलीबांधा के वीआईपी चौक में स्थित छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा को आपराधिक तत्वों ने जानबूझकर क्षतिग्रस्त किया। पार्टी के अनुसार यह घटना 23 अक्टूबर के आसपास दिनदहाड़े हुई, लेकिन प्रशासन ने इस पूरे मामले को छिपाने की कोशिश की।
पार्टी ने प्रशासन की इस चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि “घटना को छिपाना ही यह साबित करता है कि इसमें बड़े स्तर पर मिलीभगत रही होगी।”
“छत्तीसगढ़ विरोधी ताकतें हमारी अस्मिता को मिटाना चाहती हैं”
जोहार पार्टी के नेताओं ने कहा कि बार-बार छत्तीसगढ़ की प्रतीक मूर्तियों और प्रतीकों को निशाना बनाना सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। पार्टी ने आरोप लगाया कि कुछ बाहरी और छत्तीसगढ़ विरोधी ताकतें लगातार राज्य की संस्कृति, भाषा और पहचान को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने कहा, “तेलीबांधा की यह घटना हर छत्तीसगढ़वासी के लिए शर्म और आक्रोश का विषय है। राज्योत्सव से ठीक पहले इस तरह का कदम हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ है।”
31 अक्टूबर को शांतिपूर्ण बंद की अपील
जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी ने सभी व्यापारियों, सामाजिक संगठनों, कर्मचारी यूनियनों और राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे 31 अक्टूबर को एकजुट होकर रायपुर बंद में शामिल हों। पार्टी ने कहा कि बंद शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से किया जाएगा, ताकि जनता की आवाज़ राज्य और केंद्र सरकार तक पहुंच सके।
पार्टी का कहना है कि यह बंद छत्तीसगढ़ की अस्मिता, संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा के लिए है। उन्होंने मांग की है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न कर सके।
