छत्तीसगढ़ में बॉक्सिंग रिंग में विवादास्पद पार्टी पर भड़का हाईकोर्ट, SECR के अधिकारियों से मांगा जवाब

छत्तीसगढ़ में बॉक्सिंग रिंग में विवादास्पद पार्टी पर भड़का हाईकोर्ट, SECR के अधिकारियों से मांगा जवाब

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर जिले में SECR(दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे) अधिकारियों द्वारा बॉक्सिंग रिंग में शराब पार्टी करने के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए रेलवे खंड के महाप्रबंधक से जवाब तलब किया है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्ता गुरु की खंडपीठ ने इस बारे में 23 अक्टूबर को बिलासपुर के समाचार-पत्रों में प्रकाशित इस खबर पर स्वतः संज्ञान लिया और गुरुवार को इस पर सुनवाई की।

इस बारे में पेपर में छपी खबर का शीर्षक, ‘खेल अधिकारियों ने बॉक्सिंग रिंग में मनाया बर्थ-डे, शराब-नॉनवेज पार्टी की तस्वीरें वायरल’ था। इसे लेकर न्यायालय ने अपनी तरफ से आदेश जारी करते हुए कहा, समाचार पत्र में प्रकाशित खबर में बताया गया कि रेल विभाग के अधिकारियों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई, जिसमें रेलवे की बॉक्सिंग रिंग में जोन के खेल प्रकोष्ठ प्रभारी ने अपना और अपने सहकर्मी का जन्मदिन मनाया तथा रिंग में बैठकर शराब पीने के बाद मांसाहारी भोजन भी किया।

खबर के मुताबिक, कुछ समय पहले दक्षिण-पूर्व- मध्य रेलवे जोन के खेल प्रकोष्ठ प्रभारी श्रीकांत पहाड़ी ने बॉक्सिंग क्लब में अपना और साथी कोच देवेंद्र यादव का जन्मदिन मनाया था। खबर में बताया गया कि दोनों ने अपने साथी कोच और खिलाड़ियों को पार्टी में आमंत्रित किया था तथा मौके पर ही मांसाहारी भोजन पकाया व शराब भी पी थी।

Read More : BCCI को जल्द सौंपा जाएगा रायपुर स्टेडियम, प्रक्रिया लगभग पूरी, खुलने वाला है टेस्ट मैचों की मेजबानी का रास्ता

रेलवे के एक खिलाड़ी ने समाचार पत्र के साथ इस पार्टी की एक तस्वीर शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, ‘जिस बॉक्सिंग रिंग की खिलाड़ी पूजा करते हैं, उसे खेल अधिकारियों ने बार बना दिया। शराब पीने के बाद उन्होंने वहां मासांहारी खाना खाया।’

इस मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान उप-सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा और भारत सरकार-प्रतिवादियों के अधिवक्ता ऋषभ देव सिंह की (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से) दलीलें सुनी गईं। इस दौरान दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक तरुण प्रकाश भी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से) उपस्थित थे। सुनवाई के दौरान महाप्रबंधक ने मामले की विस्तृत जांच करने और हलफनामे के रूप में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा।

पीठ ने स्पष्ट किया कि प्रथम दृष्टया, ऐसा आचरण घोर कदाचार और खेल प्रशिक्षण एवं अभ्यास के लिए निर्धारित स्थान की पवित्रता के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है। उच्च न्यायालय ने रेलवे जोन के महाप्रबंधक को सुनवाई की अगली तारीख से पहले विधिवत व्यक्तिगत हलफनामे के रूप में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, जिसमें संबंधित जांच के परिणाम और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध प्रस्तावित या की गई कार्रवाई का उल्लेख भी बताना होगा। मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी।


Related Articles