छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, पहले दिन कांग्रेस का बहिष्कार, नहीं होगा प्रश्नकाल

छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू, पहले दिन कांग्रेस का बहिष्कार, नहीं होगा प्रश्नकाल

Chhattisgarh Assembly Winter Session: रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत आज रविवार से हो गई है। नवा रायपुर में बने नए विधानसभा भवन में यह पहला सत्र हो रहा है। यह सत्र 17 दिसंबर तक 4 दिन चलेगा। पहले दिन सदन में छत्तीसगढ़ विजन 2047 पर चर्चा होगी। कार्यवाही शुरू होने से पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक हुई।

बैठक विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप सहित समिति के सदस्य मौजूद रहे। आज सदन की कार्यवाही 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी।

विजन-2047 की चर्चा में केवल भाजपा विधायक शामिल होंगे, क्योंकि कांग्रेस विधायकों ने पहले दिन सत्र का बहिष्कार किया है। पहले दिन के सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा। दूसरे दिन यानी 15 दिसंबर से 17 दिसंबर तक सदन में लॉ एंड ऑर्डर, धान, बिजली, जमीन दर से मुद्दों पर हंगामे के आसार है।

शीतकालीन सत्र में विधायकों ने 628 सवाल लगाए हैं। मंत्रियों को इन सवालों के जवाब देने होंगे। इस सत्र में सबसे अहम मुद्दा धर्मांतरण का होगा। जानकारी के अनुसार सरकार धर्मांतरण-संशोधन विधेयक ला सकती है।

संशोधित धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम होगा पास

शीतकालीन सत्र में साय सरकार संशोधित धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम पास कर सकती है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने इसके संकेत दिए हैं। इस अधिनियम के पास होने के बाद प्रदेश में धार्मिक विवाद कम होने की आशंका गृहमंत्री ने जताई है।

पढ़िए गृहमंत्री विजय शर्मा ने क्या कहा था

22 नवंबर को मीडिया से चर्चा के दौरान गृहमंत्री विजय शर्मा ने दावा किया था कि शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण संशोधन विधेयक आएगा। इस विधेयक के आने के बाद नियमों में कई बदलाव होंगे।

एक धर्म से दूसरे धर्म में जाना आसान नहीं होगा

धर्मांतरण संशोधन विधेयक निर्माण कमेटी के सदस्यों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर विवाद न बढ़े, इसलिए गृहमंत्री के नेतृत्व में नया ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इस ड्राफ्ट के अनुसार, अब किसी एक धर्म से दूसरे धर्म में जाना आसान नहीं होगा।

52 बैठकों में चर्चा कर मसौदा तैयार किया गया

धर्म परिवर्तन केवल पूरी प्रक्रिया और नियम कानून का पालन करने के बाद ही किया जा सकेगा। छत्तीसगढ़ सरकार धार्मिक स्वतंत्रता कानून भी बनाने जा रही है। नियमों का उल्लंघन करने या जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर जेल के साथ कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा। इस ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए गृहमंत्री विजय शर्मा ने 52 बैठकों में चर्चा कर मसौदा तैयार करवाया है।


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