मार्च के अंत में शुरू हो जाएगी चैत्र नवरात्रि, जानिए इस बार किस पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा

मार्च के अंत में शुरू हो जाएगी चैत्र नवरात्रि, जानिए इस बार किस पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा

मां दुर्गा की पूजा-अर्चना में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. चैत्र और आश्विन माह में नवरात्रि मनाई जाती है और भक्त नौ दिन तक व्रत रखकर मां दुर्गा (Maa Durga) की पूजा करते हैं. हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है. मान्यता है कि नवरात्रि का व्रत रखने और माता की अराधना से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है. शास्त्रों व पुराणों में आदिशक्ति मां दुर्गा की महिमा का वर्णन किया गया है और बताया गया है कि माता अपने भक्तों के सभी दुख और कष्टों का निवारण करती हैं. आमतौर पर अप्रैल के माह में चैत्र नवरात्रि का व्रत रखा जाता है, लेकिन इस बार मार्च के अंत में ही चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाएगी. ऐसे में आइए जानते हैं इस वर्ष कब से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि और क्या होगी मं दुर्गा की सवारी. चैत्र नवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त

इस वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शनिवार 29 मार्च को शाम 4 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 30 मार्च, रविवार को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी. चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना की जाती है. इस बार 30 मार्च, रविवार को घटस्थापना होगी और इसी दिन से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो जाएगी

चैत्र नवरात्रि में घट स्थापना का समय

  • प्रातः काल – 30 मार्च को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः काल 6 बजकर 13 मिनट से लेकर 10 बजकर 22 मिनट तक है.
  • अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 50 मिनट के मध्य अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना कर सकते हैं.

चैत्र नवरात्रि में घट स्थापना पर शुभ योग

  • चैत्र नवरात्र के पहले दिन यानी घटस्थापना तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और इंद्र योग का निर्माण हो रहा है.
  • इसके साथ ही चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना के दिन शिववास योग का भी संयोग है.
  • मान्यता है कि इन योगों में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी हो जाती है और जीवन में सुखों का आगमन होता है.

मां दुर्गा का आगमन

शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।

गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥

गजेश जलदा देवी क्षत्रभंग तुरंगमे।

नौकायां कार्यसिद्धिस्यात् दोलायों मरणधु्रवम्॥

देवीपुराण के इस श्लोक में वर्णन है कि रविवार के दिन जगत की देवी मां दुर्गा गज यानी हाथी पर सवार होकर आती हैं.

माता का डोली में आना शुभ नहीं माना जाता. माता के डोली में आने का मतलब है कि दुनिया में बीमारी और महामारी फैल सकती है.व्यापार में मंदी, अर्थव्यवस्था में गिरावट की भी आशंका होती है.प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ सकता है.

मां दुर्गा का गज पर सवार होकर आना शुभ माना जाता है.

यह आगमन भक्तों को मां दुर्गा की पूजा (Ma Durga Puja) करने से शुभ कामों में सफलता प्रदान करता है.

गज पर माता दुर्गा का आगमन पूरी दुनिया के लिए शुभ प्रभाव लेकर आता है.

देवी पुराण में नवरात्र के शुरुआत के दिन के अनुसार माता के आगमन की सवारी का वर्णन किया गया है.

नवरात्रि अगर सोमवार या रविवार से शुरू होती है, तो माता हाथी पर सवार होकर पधारती हैं.

नवरात्रि अगर शनिवार या मंगलवार से शुरू होती है तो माता घोड़े पर आती हैं.

नवरात्रि अगर गुरुवार या शुक्रवार से शुरू होती है तो माता डोली या पालकी पर आती हैं.

नवरात्रि अगर बुधवार से शुरू होती है तो माता नाव पर आती हैं.


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