रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही के दौरान ठेकेदारों के भुगतान का मुद्दा सदन में गूंजा। सदन में इस ठेकेदारों के भुगतान का जवाब आने के बाद हंगामे जैसा महौल बन गया। भिलाई विधायक देवेंद्र यादव ने मंत्री अरूण साव के जवाब समर्थता जताते हुए हंगामा करने लगे। वहीं, देवेंद्र यादव को हंगामा करते देख अजय चंद्राकर भी उठ खड़े हुए और दोनों के बीच जमकर गहमा-गहमी होने लगी। अंतत: अध्यक्ष रमन सिंह को बीच बचाव करना पड़ा।
सदन के सदस्यों को समझाइश देते हुए कहा कि ये सड़क नहीं है जहां भाषण देने चले आए, विधानसभा की मर्यादा है, विधानसभा में बोलने का तरीका है। मेरा सभी सदस्यों से आग्रह है कि विधानसभा के प्रश्नकाल की कार्यवाही पूरा छत्तीसगढ़ देख रहा है। विधानसभा की मर्यादा को बनाकर रखें। इस प्रकार के लहजे में विधानसभा में बात नहीं होगी। उन्होंने ये भी कहा कि कोई भी सदस्य आपस में बात न करें।
इससे पहले देवेंद्र यादव ने सदन में विभागीय मंत्री की ओर से दिए गए जवाब की कॉपी दिखाते हुए कहा कि ”मंत्रीजी ने कहा है कि किसी भी ठेकेदार का काम जब तक पूरा नहीं होगा 70 प्रतिशत से अधिक का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके बाद भी विभाग की ओर से गुमराह किया जा रहा है। बस इसी बात को लेकर सदन में हंगामे का माहौल बन गया।