CG NTPC DGM Bribery: छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई जारी है। इसी क्रम में ईओडब्ल्यू-एसीबी की टीम ने रायगढ़ स्थित एनटीपीसी के उप महाप्रबंधक विजय दुबे को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आरोपी को मंगलवार को उस समय रंगे हाथों पकड़ा गया जब वह जमीन मुआवजा और पुनर्वास राशि के भुगतान के बदले 4.5 लाख रुपये की रिश्वत ले रहा था।
शिकायत से शुरू हुई कार्रवाई
यह कार्रवाई तब हुई जब प्रार्थी सौदागर गुप्ता ने एसीबी, बिलासपुर में लिखित शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि ग्राम तिलाईपाली स्थित मकान का अधिग्रहण एनटीपीसी द्वारा किया गया था और इसके एवज में उन्हें जमीन और मकान का मुआवजा मिल चुका था। लेकिन पुनर्वास के लिए करीब 30 लाख रुपये मिलने थे, जिसमें से 14 लाख रुपये पहले ही जारी किए जा चुके थे। शेष 16 लाख रुपये दिलाने के नाम पर एनटीपीसी के डीजीएम विजय दुबे ने 5 लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी।
पहले लिया एडवांस, फिर हुआ ट्रैप
शिकायतकर्ता ने एसीबी को बताया कि आरोपी ने पहले ही 50 हजार रुपये एडवांस ले लिए थे और बाकी रकम देने के लिए दबाव बना रहा था। शिकायत की सत्यापन प्रक्रिया पूरी करने के बाद 16 सितंबर को एसीबी ने ट्रैप की योजना बनाई। तय समय पर सौदागर गुप्ता को रायगढ़ के एक पेट्रोल पंप के पास बुलाया गया, जहाँ आरोपी विजय दुबे ने 4.50 लाख रुपये रिश्वत की रकम ली। उसी दौरान ईओडब्ल्यू-एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
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आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
गिरफ्तारी के बाद आरोपी डीजीएम विजय दुबे को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (PC Act 1988, Amendment 2018) की धारा 7 के तहत गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि अब आरोपी के खिलाफ विस्तृत पूछताछ और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
भ्रष्टाचार पर सख्ती जारी
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में हाल के दिनों में ईओडब्ल्यू-एसीबी ने कई अफसरों और कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। सरकार और जांच एजेंसियां इस बात पर जोर दे रही हैं कि आमजन से जुड़ी योजनाओं और मुआवजा भुगतान में किसी भी तरह की लापरवाही या रिश्वतखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई साफ संकेत है कि भ्रष्टाचार करने वालों पर नकेल कसने का सिलसिला जारी रहेगा।