रायपुर। आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए भेजी गई सामग्रियों की गुणवत्ता पर उठे सवालों पर जांच के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति ने जांच रिपोर्ट सौंप दी है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर दोषी प्रदायकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए छह सप्लायरों मेसर्स नमो इंटरप्राइजेस, मेसर्स आयुष मेटल, मेसर्स अर्बन सप्लायर्स, मेसर्स मनीधारी सेल्स, मेसर्स ओरिएंटल सेल्स, मेसर्स और सोनचिरिया कॉर्पाेरेशन एजेंसियों को जेम पोर्टल से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है, भविष्य में ये एजेंसिया किसी भी प्रकार की सामग्रियों की शासकीय सप्लाई भी नही कर पाएगी।
इसके अलावा रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने इन सभी से घटिया सामग्रियों को वापस मंगाकर मानकों के अनुरूप सामग्री की आपूर्ति कराई गई । मालूम हो कि इस समिति में संयुक्त संचालक (वित्त), सीएसआईडीसी और जीईसी रायपुर के तकनीकी प्रतिनिधि, संबंधित जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक (आईसीडीएस) और दो तकनीकी निरीक्षण एजेंसियों के विशेषज्ञ शामिल थे। समिति ने सभी जिलों में सामग्री की गुणवत्ता का भौतिक परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट संचालनालय को सौंप दिया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत यह कार्रवाई राज्य सरकार की दृढ़ प्रशासनिक इच्छाशक्ति और पारदर्शिता का स्पष्ट प्रमाण है। मुख्यमंत्री स्वयं बार-बार यह दोहरा चुके हैं कि बच्चों, महिलाओं और गरीबों के हितों से कोई समझौता नहीं होगा।
23.44 करोड़ की हुई थी खरीदारी
महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 2024-25 में कुल 23.44 करोड़ रुपए की सामग्री जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदी गई थी। विभाग ने बताया कि पूरी क्रय प्रक्रिया पारदर्शी रही और सभी सामग्रियों की सप्लाई से पहले और सप्लाई के बाद गुणवत्ता जांच कराई गई। राज्य स्तरीय जांच समिति द्वारा रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जशपुर, सरगुजा और जांजगीर-चांपा जिलों में जाकर प्रदाय की गई सामग्रियों का गहन निरीक्षण किया गया। समिति की रिपोर्ट में सामने आया कि कुछ टेबल स्थानों पर असेंबल नहीं हुए थे, जिन्हें बाद में सही कराया गया।