CG News: जांजगीर-चांपा / छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में फर्जी या अपात्र राशन कार्डधारियों की पहचान के लिए सरकार एक बड़ा अभियान शुरू करने जा रही है। जिले में कुल 3 लाख 40 हजार राशन कार्डधारी परिवार हैं, जिनमें लगभग 11 लाख सदस्य शामिल हैं। इनमें से करीब 2 लाख 25 हजार सदस्यों को सरकार ने संदेह के दायरे में रखा है। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि लगभग 60 फीसदी राशन कार्ड उपभोक्ता ऐसे हैं जो सरकार के मानदंडों पर खरे नहीं उतरते, बावजूद इसके वे अभी भी मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं।
जो लोग दुनिया में है भी नहीं, उनका भी राशन ले रहे परिजन
CG News: इस संदर्भ में फूड अफसरों को फिल्ड में उतरने के निर्देश दिए गए हैं, जो घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे और इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। इस जांच का मुख्य उद्देश्य यह है कि वास्तविक लाभार्थियों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके और अपात्र लोगों की छंटनी की जा सके। यह पाया गया है कि कई कार्डधारियों के परिवार में सदस्य अब जीवित नहीं हैं, फिर भी उनके नाम पर राशन लिया जा रहा है। कुछ मामलों में एक ही व्यक्ति दो-दो स्थानों से राशन प्राप्त कर रहा है, जिससे सरकार पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
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5 एकड़ से अधिक जमीन वाले होंगे संदेह के दायरे में
CG News: जांच के दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक हैं या नहीं। जिनका लिंक नहीं है, उनका जल्द से जल्द लिंक किया जाएगा ताकि संबंधित व्यक्ति की आय और अन्य विवरणों की पुष्टि की जा सके। पैन कार्ड और जीएसटी रिकॉर्ड की भी जांच की जाएगी, जिससे आय का निर्धारण किया जा सके। जिन लोगों की सालाना आय 6 लाख रुपये से अधिक है या जो 25 लाख रुपये तक का जीएसटी भरते हैं, उन्हें अपात्र की श्रेणी में रखा जाएगा।
इसके अलावा, ग्रामीण अंचलों के किसानों की भी जांच होगी। ऐसे किसान जिनके पास 2.5 एकड़ से 5 एकड़ तक जमीन है, उन्हें पात्र माना जाएगा, लेकिन जिनके पास 5 एकड़ से अधिक भूमि है, उन्हें संदिग्ध की श्रेणी में रखकर बीपीएल सूची से बाहर किया जाएगा। सरकार इस सघन जांच के जरिए राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी और न्यायसंगत बनाना चाहती है, जिससे वास्तविक जरूरतमंदों तक ही सरकारी लाभ पहुंच सके।