रायपुर : छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के मुख्य सचिव से सौजन्य मुलाकात कर राज्य के शासकीय कर्मचारियों की 11 सूत्रीय मांगों पर विस्तारपूर्वक प्रस्तुतीकरण दिया। इस दौरान मुख्य सचिव ने मांगों को गंभीरता से सुना और उनके त्वरित व सकारात्मक निराकरण का आश्वासन दिया।
फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल वर्मा ने मुख्य सचिव के समक्ष मांग रखी कि केंद्र सरकार के अनुरूप 3% महंगाई भत्ता (DA) राज्य कर्मचारियों को देय तिथि से स्वीकृत किया जाए। साथ ही, DA एरियर्स की राशि को GPF खाते में समायोजित करने, 300 दिवस अर्जित अवकाश का नगदीकरण, चार स्तरीय समयमान वेतनमान, वेतन विसंगतियों का निराकरण, लिपिक वर्ग के पदनाम और वेतन में सुधार, एवं कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू किए जाने जैसे विषयों पर विशेष ध्यान देने की मांग की गई। इसके अतिरिक्त प्रतिनिधिमंडल ने अवगत कराया कि विगत सात वर्षों से राज्य स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित नहीं की गई है, जिससे कर्मचारी संगठनों में असंतोष व्याप्त है। मुख्य सचिव ने इस पर शीघ्र बैठक आयोजित करने का आश्वासन दिया।
मुख्य सचिव ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार शासकीय कर्मचारियों की न्यायसंगत मांगों के प्रति संवेदनशील है तथा उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवकों को जन अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुए ईमानदारी और निष्ठा से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों के योगदान की सराहना करते हुए आश्वस्त किया कि सरकार उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की दिशा में कार्य कर रही है। फेडरेशन ने मुख्य सचिव का अभिनंदन करते हुए विश्वास जताया कि यह संवाद कर्मचारियों के हितों की दिशा में एक सकारात्मक पहल सिद्ध होगा और इससे राज्य की सेवा प्रणाली और अधिक प्रभावी एवं उत्तरदायी बनेगी।
प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख सदस्य:
कमल वर्मा – प्रदेश संयोजक एवं अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राजपत्रित अधिकारी संघ
रोहित तिवारी – प्रांतीय संगठन मंत्री
बी.पी. शर्मा – प्रांतीय सलाहकार
जय कुमार साहू – अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष कर्मचारी संघ
संतोष कुमार वर्मा – कार्यकारी अध्यक्ष
जगदीप बजाज, लोकेश वर्मा – सदस्य