छत्तीसगढ़ में अब प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी-2.0) के साथ मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना की भी शुरुआत हो गई है। योजना के तहत जो लाभार्थी 18 महीने में अपने मकान का निर्माण पूरा करेंगे, उन्हें राज्य सरकार की ओर से 32850 रुपए का पुरस्कार मिलेगा। केंद्र सरकार से आवास निर्माण की मंजूरी मिलते ही योजना का क्रियान्वयन शुरू हो गया है।
राज्य सरकार ने इस नई योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री की पहल पर इसे महिलाओं और शहरी गरीबों के स्वामित्व वाले घरों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है। राज्य के 141 निकायों में पीएम आवास के तहत 11282 मकान बनाए जाने हैं।
केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर को इन आवासों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर पात्र परिवार को स्वामित्व वाला पक्का मकान मिले। ऐसे में मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना की गति बढ़ाने और समयबद्ध निर्माण को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह छत्तीसगढ़ को ‘हर घर पक्का घर’ के संकल्प के करीब ले जाएगा।
ढाई लाख रुपए के अलावा मिलेगी यह राशि केंद्र और राज्य सरकार से इन मकानों के लिए अब तक कुल ढाई लाख रुपए का प्रावधान है। इसमें केंद्र सरकार की तरफ से डेढ़ लाख रुपए और राज्य सरकार का राज्यांश एक लाख रुपए है। हालांकि, मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना के तहत दी जाने वाली 32850 रुपए अलग से दिए जाएंगे लेकिन शर्त यह है कि मकान का निर्माण 18 महीने के भीतर पूरा हुआ हो।
हर चरण में अलग- अलग राशि सीधे खाते में योजना के तहत आवास निर्माण के अलग- अलग चरण में अलग- अलग राशि सरकार की तरफ से हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। यह राशि चार किश्तों में दी जाएगी। हर चरण में आवंटित राशि का 70 प्रतिशत उपयोग होने के बाद तय फार्मेट में उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने के बाद ही अगली किश्त जारी की जाएगी।
राशि चार किश्तों में सीधे खाते में: फाउंडेशन स्तर पर ₹63,000 {लिंटल स्तर पर 87,000 {रूफ स्तर पर ₹65,000 {निर्माण पूर्ण होने पर ₹35,000
बिल्डिंग परमिशन की कॉपी सूडा को भेजना अनिवार्य योजना के तहत बनने वाले मकानों की बिल्डिंग परमिशन केवल नगरीय निकाय द्वारा ही जारी की जाएगी। साथ ही परमिशन की एक कॉपी सूडा (राज्य शहरी विकास अभिकरण) में भेजना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर योजना के तहत राशि जारी नहीं की जाएगी। बता दें कि नगरीय निकाय से मिले बिल्डिंग परमिशन में दर्ज कॉरपेट एरिया के अनुसार ही हितग्राहियों को घर बनाना होगा। इसमें 30 वर्ग मीटर से 45 वर्ग मीटर के कारपेट क्षेत्रफल में घर बनाने की अनुमति है।
