CG Naxal News: नक्सलवाद खत्म करने छत्तीसगढ़ पुलिस के टारगेट पर अब ये 9 खूंखार नक्सली, न्यूट्रलाइज करने बन रही विशेष रणनीति

CG Naxal News: नक्सलवाद खत्म करने छत्तीसगढ़ पुलिस के टारगेट पर अब ये 9 खूंखार नक्सली, न्यूट्रलाइज करने बन रही विशेष रणनीति

छत्तीसगढ़ पुलिस लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाकर माओवादियों की कमर तोड़ दी है। अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्रों में माओवादी संगठन के महासचिव और शीर्ष केंद्रीय कमेटी के नेताओं की मौत के बाद माओवादी घबराए हुए हैं। पुलिस ने साफ किया है कि लगातार हमले की वजह से पार्टी संगठन का शीर्ष नेतृत्व बिखर गया है। आपस में फूट पड़ गई है और अब केवल 9 से 10 नक्सली बचे हुए हैं, जो शीर्ष पदों पर है। जल्दी इनके सफाई के साथ नक्सलवाद पर पूरी तरह से लगाम लग जाएगी। इसके लिए पुलिस ने पूरी तैयारी कर रखी है

5 सदस्य छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर एक्टिव

नक्सली संगठन की केंद्रीय कमेटी और पोलित ब्यूरो के करीब 10 सदस्यों में से 5 सदस्य अभी छत्तीसगढ़ और इसकी सीमा से लगे माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद हैं। साल 2025 में छत्तीसगढ़ पुलिस ने माओवादियों की कमर तोड़ दी है और देश में सबसे ताकतवर उग्रवादी संगठन चलाने वाले माओवादियों के शीर्ष नेताओं को छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में मार गिराया है। रणनीतिक तौर पर यह छत्तीसगढ़ पुलिस की बड़ी जीत है और देश में नक्सली मुक्त करने केंद्र सरकार की अभियान के लिहाज से भी छत्तीसगढ़ ने अपनी असल ताकत का प्रदर्शन किया है। छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए यह उपलब्धि असामान्य है। जिस तरह से 21 मई 2025 को माओवादियों के महासचिव बसवराज को अबूझमाड़ के जंगलों में मार गिराया गया था। इसके बाद सिलसिले वार गरियाबंद एवं अबूझमाड़ के जंगलों में छह केंद्रीय कमेटी के नेताओं को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया है। इसके साथ ही कई केंद्रीय कमेटी नेताओं ने आत्म समर्पण भी कर दिया है।

दहशत से शीर्ष नेताओं में रणनीतिक बिखराव

खास बात यह की जितने भी केंद्रीय कमेटी और पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं, वे सभी ज्यादा उम्र और दावों पर निर्भर हैं। इससे बहुत ज्यादा भाग पाने की स्थिति उनकी नहीं है। दूसरी तरफ पोलित ब्यूरो के सीनियर नक्सली नेताओं के बीच आत्म समर्पण सरकार से बातचीत और माओवादी आंदोलन को जारी रखने की चुनौती और संघर्ष बना हुआ है, जो पार्टी के भीतर भी नेताओं को बिखराव के रास्ते पर ले जा रहा है। हाल ही में भूपति के पत्र से उठा बवाल थमा नहीं है और भूपति के खिलाफ भी माओवादी संगठन ने उनके हथियार जप्त करने के निर्देश दिए हैं।

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अब इनकी तलाश में पुलिस

अब असल लड़ाई आखिरी बचे माओवादियों की घेराबंदी की भी है। इसके लिए केवल 7 महीने का समय बचा है। ऐसे में इनमें से 5 से अधिक नक्सलियों की मौजूदगी अब भी बस्तर में बनी हुई है। दूसरी तरफ गरियाबंद की सीमा पर दो केंद्रीय कमेटी के नक्सली, जबकि झारखंड में अन्य केंद्रीय कमेटी के नेताओं की मौजूदगी की जानकारी पुलिस के पास है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गणपति उर्फ एम लक्ष्मण राव को छोड़ दें तो देव जी उर्फ थिरपरि तिरुपति, मिशिर बेसरा, पुलारी प्रसाद राव उर्फ चंद्रना, गणेश उइके उर्फ राजेश, अनल दा, दामोदर, मल्ला राजी जी, हिड़मा जैसे नेताओं पर पुलिस की नजर है और अगले सात महीनो में इन्हें भी न्यूट्रलाइज कर दिया जाएगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह बड़े नेता ही माओवादी संगठन का ब्रेन है। जैसे ही यह ब्रेन डेड होगा, नक्सल संगठन अपने आप समाप्त हो जाएगा।


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