बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण के आरोप में आत्मानंद स्कूल की शिक्षिका अरुंधति साहू और उनके बेटे साकेत साहू के खिलाफ सरकंडा थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299 के तहत FIR दर्ज की है। यह कार्रवाई पड़ोसी सूरज ताम्रकार की लिखित शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि शिक्षिका अपने घर पर प्रार्थना सभा के बहाने लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रलोभन दे रही थीं। इस मामले ने स्थानीय स्तर पर तनाव पैदा कर दिया है, और हिंदू संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, और जल्द ही कई अहम खुलासे होने की संभावना है।
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पूरा मामला क्या है?
बिलासपुर के गीतांजलि सिटी फेज-2, सरकंडा थाना क्षेत्र में आत्मानंद स्कूल की शिक्षिका अरुंधति साहू के घर पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा था। आरोप है कि इस सभा में 20-25 लोग शामिल हुए, जिनमें बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग थे। स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों का दावा है कि प्रार्थना सभा की आड़ में धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को प्रलोभन देकर उनका ब्रेनवॉश किया जा रहा था। सूचना मिलने पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता शिक्षिका के घर पहुंचे और जमकर हंगामा किया। इस दौरान दोनों पक्षों में तीखी झड़प हुई, जिसके बाद मामला सरकंडा थाने पहुंचा।
20 जुलाई 2025 को हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शिक्षिका के घर पर प्रार्थना सभा का विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सभा ईसाई धर्म के प्रचार के लिए आयोजित की जा रही थी, और इसमें शामिल लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा था। पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अरुंधति साहू और उनके बेटे साकेत साहू के खिलाफ छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की।
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बीते महीने भी सामने आया था ऐसा मामला
यह बिलासपुर में धर्मांतरण से जुड़ा पहला मामला नहीं है। बीते महीने, 29 जून 2025 को तोरवा थाना क्षेत्र के केंवट पारा में प्रार्थना सभा के नाम पर धर्मांतरण का केंद्र संचालित करने का आरोप लगा था। इस मामले में पास्टर विनय सिंह परिहार समेत सात लोगों के खिलाफ छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के तहत FIR दर्ज की गई थी। हिंदू संगठनों ने करीब सात घंटे तक तोरवा थाने का घेराव किया और कड़ी कार्रवाई की मांग की। शिकायतकर्ता प्रकाश सिंह ने आरोप लगाया कि मसीही समाज के लोगों ने उन्हें पैसे का लालच देकर प्रार्थना भवन में धर्मांतरण के लिए मजबूर किया।
इसके अलावा बिलासपुर के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कोनी, सकरी, सिविल लाइन, मस्तूरी, और मोपका में भी धर्मांतरण के मामले सामने आ चुके हैं। रामनवमी (17 अप्रैल 2025) को बहतराई में प्रार्थना सभा के बहाने धर्म परिवर्तन का प्रयास करने के आरोप में पास्टर समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हिंदू संगठनों ने दावा किया कि भोले-भाले हिंदुओं को बीमारी और गरीबी से मुक्ति का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था।
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हिंदू संगठनों का विरोध
हिंदू संगठनों ने बिलासपुर में बार-बार होने वाली ऐसी घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाया है। संगठनों का कहना है कि प्रार्थना सभाओं और चंगाई सभाओं के बहाने भोले-भाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। राम सिंह ठाकुर, एक हिंदू संगठन के कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि बिलासपुर को धर्मांतरण का हब बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग मिशनरियों से फंडिंग लेकर हिंदुओं को प्रलोभन दे रहे हैं।
सरकंडा थाना प्रभारी नीलेश पांडेय ने बताया कि सूरज ताम्रकार की शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच में प्रार्थना सभा की पुष्टि हुई है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या वास्तव में धर्मांतरण की कोशिश की जा रही थी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।