विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में अलग-अलग मुद्दों को लेकर सियासत गर्म है। यहां के नेता विभिन्न विषयों को लेकर एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इसी बीच अब लोजपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने फिर से नीतीश सरकार के खिलाफ बयान दे दिया है। उन्होंने बढ़ते अपराध को लेकर सरकार पर निशाना और बिहार के पुलिस प्रशासन को निकम्मा तक बता दिया। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलचलें तेज हो गई है औऱ बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में फूट के आसार का भी दावा किया जा रहा है।
दरअसल, शनिवार को मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में एक के बाद एक आपराधिक घटनाओं की श्रृंखला सी बन गई है। प्रशासन अपराधियों के सामने पूरी तरह नतमस्तक दिख रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसी घटनाएं कम क्यों नहीं हो रही हैं? बिहार में हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार की घटनाएं लगातार हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अब तो ऐसा लग रहा है कि प्रशासन इन घटनाओं को रोक पाने में नाकामयाब हो गया है। जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनका दर्द समझना होगा। प्रशासन या तो लीपा पोती में लगा हुआ है या तो कंट्रोल कर पाना इनके बस में नहीं है। चिराग पासवान ने कहा कि मुझे इस बात का दुख है कि मैं ऐसी सरकार को समर्थन कर रहा हूं, जहां अपराध पूरी तरह बेलगाम हो चुका है। यहां बिहारी सुरक्षित नहीं है। जरूरत है कि सरकार समय रहते चेत जाए। आपको बता दें कि बिहार में पिछले कुछ दिनों में हत्या की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
Read More : रायपुर सेंट्रल जेल में चैतन्य बघेल से मिले सचिन पायलट, बोले- कांग्रेस नहीं हटेगी पीछे, CM साय का पलटवार
20 दिनों में 60 से अधिक हत्याएं
बता दें कि बिहार में हाल के दिनों में हुई हत्याओं और दूसरे अपराध की बढ़ती घटनाओं से ‘जंगलराज’ एक बार फिर चर्चा में है।जुलाई महीने के 20 दिनों में 60 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं।आंकड़ों के अनुसार राज्य में 2015 से 2024 के बीच अपराधों की संख्या में 80 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि भारत के राष्ट्रीय औसत में बढ़ोतरी करीब 24 प्रतिशत की रही। चुनावी साल में यह एक राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है।सोमवार को इस मुद्दे पर बिहार में विपक्ष के विधायकों ने विधानसभा के अंदर और बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।इसी महीने की चार तारीख को पटना में प्रसिद्ध उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या के बाद से ही बढ़ते अपराध की चर्चा तेज हो गई थी।