छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शुक्रवार को 20 लाख रुपए के इनाम वाले चार हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों का आत्मसमर्पण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य के दौरे से कुछ घंटे पहले हुआ है। शाह शुक्रवार रात रायपुर पहुंचेंगे और शनिवार को दंतेवाड़ा में कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि एक महिला समेत नक्सलियों ने पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया। उन्होंने कहा कि वे खोखली और अमानवीय माओवादी विचारधारा, प्रतिबंधित संगठन के भीतर बढ़ते मतभेदों और स्थानीय आदिवासियों पर अत्याचारों से निराश हैं।
एसपी के अनुसार, नक्सलियों ने बताया कि वे राज्य सरकार की ‘नियाद नेल्लनार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से भी प्रभावित हैं। इस योजना का उद्देश्य दूरदराज के गांवों में विकास कार्यों को पहुंचाना है। इसके अलावा, सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव और अंदरूनी इलाकों में शिविर स्थापित किए जाने के कारण नक्सली बैकफुट पर हैं। एसपी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले चार नक्सलियों में से संतोष बारसे (28) माओवादियों की पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन नंबर 1 का सदस्य था, जबकि अरुण उर्फ माडवी हुर्रा (20) पश्चिम बस्तर संभाग की कंपनी नंबर 2 का सदस्य था।
उन्होंने कहा कि बरसे और हुर्रा पर 8-8 लाख रुपए का इनाम था। वहीं, नक्सली सोढ़ी मुक्का (26) और माडवी रोशनी पर 2-2 लाख रुपए का इनाम था। हुर्रा इस साल फरवरी में बीजापुर में राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में कथित रूप से शामिल था, जिसमें 22 नक्सली मारे गए थे। वह पिछले महीने बीजापुर में हुई मुठभेड़ में भी शामिल था, जिसमें 26 नक्सली मारे गए थे। चव्हाण ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 50-50 हजार रुपए की सहायता दी गई और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। पुलिस के अनुसार, 2024 में सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में कुल 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।